देहरादून । लोकसभा चुनाव के लिए उत्तराखंड में पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान होना है। ऐसा पहली बार हो रहा है कि विपक्षी दल कांग्रेस के उम्मीदवार चुनाव से पहले ही आत्मसमर्पण की मुद्रा में आ गए हों। दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी ने अपने प्रचार अभियान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जी पी नड्डा, कैबिनेट मंत्री,राजनाथ सिंह, स्मृति ईरानी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, आदि नेताओ को मैदान में उतार कर विपक्षी उम्मीदवारों के हौंसले पस्त कर दिए है। अभी उत्तराखंड में अमित शाह,अनुराग ठाकुर, की जनसभाएं होनी शेष हैं।इन चुनावों में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उभरती युवा सनातनी नेता की छवि ने भी , मतदाताओं के बीच मोदी धामी के “मैजिक” को प्रभावी बनाया है।
उत्तराखंड में केंद्र सरकार की लाभार्थी योजनाएं तो चल ही रही है साथ ही साथ मोदी सरकार ने यहां 1लाख 25 हजार करोड़ की बड़ी योजनाएं भी दी हुई है जिनमे चार धाम के स्थल विकास, ऑल वेदर रोड, कर्णप्रयाग ऋषिकेश रेल प्रोजेक्ट, मानसखंड प्रोजेक्ट आदि प्रोजेक्ट शामिल है।
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के समान नागरिक संहिता कानून लागू करने, लैंड जिहाद,मजार जिहाद पर प्रभावी कारवाई करने, धर्मांतरण कानून लागू करने, दंगा विरोधी कानून लाने, गो हत्या गो तस्करी के खिलाफ गैंगस्टर लगाने जैसे सनातनी कार्य करने की वजह से उनकी छवि जनता में एक सख्त हिंदू प्रशासक के रूप में उभरी है। बीजेपी को इस छवि का लाभ लोकसभा चुनाव में भी मिल रहा है। युवाओं के लिए नकल विरोधी कानून लाकर नौकरियों में पारदर्शिता लाने से भी भाजपा को फायदा मिल रहा है। जबकि कांग्रेस, वामपंथी दल और क्षेत्रीय नेता एकजुट होकर भी मोदी सरकार के खिलाफ अपनी आवाज मुखर नही कर पाए है।
नैनीताल लोकसभा सीट
उत्तराखंड की अति विशिष्ट लोकसभा सीट मानी जाती नैनीताल उधम सिंह नगर सीट पर रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट दूसरी बार अपनी किस्मत आजमा रहे है। उनका मुकाबला दो बार विधानसभा चुनाव हार चुके प्रकाश जोशी के साथ हो रहा है। इस सीट पर पूर्व में कृष्ण चंद्र पंत, नारायण दत्त तिवारी,भगत सिंह कोश्यारी जैसे बड़े नेता सांसद बन चुके है। यहां कुल दस प्रत्याशी मैदान में है।
पिछली बार अजय भट्ट ने कांग्रेस के दिग्गज हरीश रावत को 339096 वोटो से धूल चटाई थी, बीजेपी को यहां 772195 वोट मिले थे। इस बार कांग्रेस ने ठाकुर की बजाय ब्राह्मण उम्मीदवार उतारा है। कांग्रेस की हालत ये है कि कई नेता पार्टी छोड़ कर बीजेपी में शामिल हो गए है। बीएसपी ने यहां अख्तर अली को प्रत्याशी बनाया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां विशाल जनसभा कर गए है, जनसभा में श्री मोदी के प्रति जनसमर्थन को देख यही लगता है इस बार भी भाजपा यहां उन्हे तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहती है।
हरिद्वार लोकसभा सीट
भाजपा ने यहां पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को टिकट दिया है, उनका मुकाबला हरीश रावत के पुत्र वीरेंद्र रावत से होने जा रहा है। पारिवारिक अंतर्कलह विरेंद्र रावत की उम्मीदवारी घोषित होते ही सामने आ गई, हरीश रावत की दूसरी पत्नी से विधायक पुत्री अनुपमा रावत नाराज बताई जाती है। यहां से खानपुर के विधायक उमेश कुमार निर्दलीय प्रत्याशी है जबकि बहुजन समाज पार्टी ने यहां मौलाना जमील अहमद को टिकट दिया है।
पिछली बार के लोकसभा चुनाव में यहां से पूर्व केंद्रीय मंत्री डा रमेश पोखरियाल निशंक को 665674 वोट मिले जबकि कांग्रेस को यहां 406945 और बीएसपी को 173528 वोट मिले थे। यहां मुस्लिम वोटों की संख्या बीजेपी के लिए सिरदर्द बन सकती है यदि हिंदू बाहुल्य क्षेत्रों में अच्छा मतदान हुआ तो बीजेपी को एक बार यहां से विजयश्री मिलने में कोई दिक्कत नही रहेगी। हरिद्वार से कुल 14 प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा रहे है।
अल्मोड़ा (सुरक्षित ) सीट
यहां एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी के पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय टम्टा और कांग्रेस के पूर्व राज्य सभा सदस्य प्रदीप टम्टा के बीच चुनावी संघर्ष हो रहा है। ये सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। इस बार यहां कुल 7 उम्मीदवार मैदान में है।2019 लोकसभा चुनाव में यहां भाजपा के अजय टम्टा को 444651और कांग्रेस को 211665 वोट हासिल हुए थे। अल्मोड़ा पिथौरागढ़ चंपावत बागेश्वर जिले को प्रतिनिधित्व करने वाली इस लोकसभा सीट पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चुनाव घोषित होने से पहले ही चार बड़ी जनसभाएं करके बीजेपी की राह आसान कर दी। कुछ माह पूर्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी यहां पिथौरागढ़ व्यास घाटी आदि कैलाश जागेश्वर में शिव आराधना कर जनसभा कर गए है। जिसके बाद से स्थानीय लोगो में पीएम मोदी को फिर से सत्ता में भेजने का जुनून सवार है।
पौड़ी गढ़वाल लोकसभा क्षेत्र
भाजपा ने यहां इस बार पूर्व मुखमंत्री तीरथ सिंह रावत का टिकट काट कर, अपने राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी को टिकट दिया है।उनका मुकाबला कांग्रेस के गणेश गोदियाल से हो रहा है। अनिल बलूनी नया युवा चेहरा है और पार्टी हाई कमान में अच्छी पैठ रखते है। पिछली बार 2019 में यहां बीजेपी को 506980 और कांग्रेस के मनीष खंडूरी को 204311 वोट मिले थे। श्री खंडूरी अब बीजेपी के साथ है उनके अलावा बद्रीनाथ के कांग्रेस विधायक राजेंद्र भंडारी और तीन पूर्व विधायक भी बीजेपी का दामन थाम चुके है। यहां कुल 13 प्रत्याशियों ने अपने प्रचार अभियान को तेज किया हुआ है। कांग्रेस और भाजपा दोनों राष्ट्रीय दल यहां चुनाव प्रचार में अपनी ताकत झोंके हुए है।
टिहरी लोक सभा क्षेत्र
इस लोकसभा सीट पर टिहरी राज परिवार का कब्जा रहा है। भाजपा ने इस बार भी महारानी माला राज लक्ष्मी को अपना उम्मीदवार बनाया है। टिहरी राज परिवार ने यहां से 12 बार लोकसभा चुनाव जीता है। पिछली बार 2019 में यहां महारानी को 5653333कांग्रेस के प्रितम सिंह को 264747 वोट मिले थे। इस बार भी यहां मोदी धामी की राजनीतिक धमक सुनाई दे रही है। कांग्रेस ने यहां जोत सिंह को टिकट दिया है जोकि पिछले बार के प्रत्याशी प्रीतम सिंह से कमजोर और उम्रदराज प्रत्याशी माने जा रहे है। टिहरी राजघराने की महारानी माला राज लक्ष्मी के लिए यहां की जनता में एक आदर भाव रहता आया है। उनके राजमहल से ही भगवान बद्री विशाल के द्वार खुलने और बंद होने की तिथि घोषित होने की परंपरा रही है।जिसकी वजह से इस परिवार को क्षेत्र की जनता बेहद सम्मान से देखती आई है। कुल 11 उम्मीदवार यहां चुनाव मैदान में डटे हुए है। मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही रहेगा।
उत्तराखंड में मतदाताओं की संख्या
राज्य के तेरह जिलों की पांच लोकसभा सीटों पर 83,21,207 मतदाता है। जिनमे 4308904 पुरुष,4012006 महिला मतदाता है। 297 ट्रांसजेंडर मतदाता भी लोकसभा चुनाव में वोट डाल सकेंगे। राज्य में 79965 दिव्यांग और 145202 बुजुर्ग मतदाता है।जिन्हे पोलिंग बूथ तक लाने के लिए निर्वाचन आयोग ने विशेष व्यवस्था की है। पहली बार वोट डालने वाले 93357 युवा मतदाता है। राज्य में कुल 11729 पोलिंग स्टेशन बनाए गए है। पांच लोकसभा सीटों पर कुल 55 प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा रहे है।
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