‘भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन से ही आम आदमी पार्टी का जन्म हुआ था, लेकिन आज यह पार्टी खुद ही भ्रष्टाचार के दलदल में फंस चुकी है। हमारे दो-दो मंत्री जेल में हैं। हमारे मुख्यमंत्री भी जेल में हैं। सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। मैं नहीं समझता हूं कि हमारे पास अब सरकार में रहने का कोई नैतिक बल रह गया है।’ ये कहना है कि आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दे चुके पूर्व मंत्री राजकुमार आनंद का।
राजकुमार आनंद ने आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा है। इसमें आनंद केजरीवाल को अपने इस्तीफे के बारे में बताया। अपने पत्र में आनंद ने सरकार पर कई सारे सवाल खड़े किए हैं।
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AAP ने जनता को छला
अपने पत्र में राजकुमार आनंद केजरीवाल से कहते हैं कि आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं और दिल्ली के जनता के साथ धोखा किया गया है, जिस पार्टी को हमने भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़ा किया। सत्ता में आने के बाद वही पार्टी खुद ही भ्रष्टाचार में लिप्त हो गई। पार्टी के कार्यकर्ता धूप में बैठते हैं, जबकि, दूसरी ओर पार्टी के बड़े नेता करप्शन करते हैं।
कार्यकर्ता केवल बसें भरने के लिए
यहीं नहीं आप के पूर्व मंत्री कहते हैं कि आम आदमी पार्टी का भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद इतना समझ आ गया है कि कार्यकर्ता केवल बसें भरने के लिए होते हैं। मैं अब इस सरकार और इसके भ्रष्टाचार के साथ अपना नाम नहीं जोड़ना चाहता।
मंत्री पद छोड़ने की वजह बताई
राजकुमार आनंद ने आम आदमी पार्टी छोड़ने की एक और वजह अपने पत्र में बताई है। उनका कहना है कि चार साल तक पार्टी और सरकार में रहने के बाद इतना समझ आ गया है कि दलित, आरक्षण और बाबासाहेब के विचारों की धुर विरोधी है। उन्होंने ये भी कहा कि आज मैं जो कुछ भी हूं बाबा साहेब के विचारों के कारण हूं। बाबासाहेब ने हमें ‘Pay Back to society’ की सीख दी है। इसी उद्देश्य से मैं आपके साथ खड़ा हुआ, लेकिन सच्चाई कुछ और ही है।
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