मध्य प्रदेश में डिप्टी कलेक्टर थीं, चाहती तो पब्लिक सर्विस कर सकती थीं, लेकिन कांग्रेस से टिकट के चक्कर में न नौकरी रही न ही टिकट मिली। जी हां हम बात कर रहे हैं निशा बागरे की। वही निशा बागरे, जिन्होंने 2023 में कांग्रेस से विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए डिप्टी कलेक्टर की नौकरी छोड़ दी थी। लेकिन अब जब कांग्रेस ने भी उन्हें धोखा दे दिया है तो वह सरकार से वापस नौकरी में बुलाने की गुहार लगा रही हैं।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले की डिप्टी कलेक्टर रहीं निशा बागरे को कांग्रेस ने विधानसभा टिकट देने का वादा किया था। इसी के लालच में आकर निशा ने 2023 में अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया। लेकिन, जब तक कार्मिक विभाग ने उनका इस्तीफा मंजूर किया, तब तक देर हो चुकी थी। निशा बैतूल जिले की आमला सीट से टिकट चाहती थीं और कांग्रेस ने वहां से मनोज मालवे को मैदान में उतार दिया।
हालांकि, जब निशा बागरे ने इसको लेकर प्रदेश कांग्रेस से बात की तो वहां से उन्हें कहा गया कि जो हो गया सो हो गया। अब उन्हें लोकसभा चुनाव में टिकट दिया जाएगा। लेकिन, अब कांग्रेस ने इस बार भी उन्हें ठेंगा दिखा दिया। जबकि, उनसे भिंड या टीकमगढ़ लोकसभा से उतारने का वादा किया गया था। हाल ही में कांग्रेस ने उन्हें प्रदेश प्रवक्ता नियुक्त किया था, लेकिन लगता है कि इस धोखे से निशा का कांग्रेस से मोहभंग हो गया है।
क्या कहती हैं निशा बागरे
दैनिक भास्कर से बात करते हुए निशा बागरे कहती हैं कि वह टिकट या किसी जिम्मेदारी को लेकर कांग्रेस से अपडेट का इंतजार करती रहीं। चूंकि कोई अपडेट नहीं था, इसलिए उनके परिवार ने उन्हें नौकरी वापस पाने के लिए आवेदन करने के लिए कहा, जो उन्होंने जनवरी 2024 में किया।
निशा का कहना है कि वो अपनी नौकरी वापस पाना चाहती हैं, क्योंकि जनता के बीच रहने के लिए उन्हें एक मंच की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि लोकसभा के चुनाव के बाद वो मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री से मिलकर इस मामले पर चर्चा करेंगी।
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