आम आदमी पार्टी जितनी तेजी से ऊंची उठी अब उससे दोगुनी गति से जमीन पर गिरती दिखने लगी है, कारण है कि जैसा दूल्हा वैसे बाराती की कहावत के अनुसार जब पार्टी का राष्ट्रीय संयोजक करोड़ों के आबकारी घोटाले में फंसे हैं तो बाकी नेताओं से क्या उम्मीद की जा सकती है।
लुधियाना में जाली डिग्री बनाने और गलत दस्तावेज लगाकर वकील की डिग्री दिलाने की शिकायत करने वाले आम आदमी पार्टी के जिला युवा प्रधान परमिंदर सिंह संधू खुद फंस गए। उनके खिलाफ शिकायत हुई तो पंजाब एवं हरियाणा बार काउंसिल की सिफारिश पर जांच के आदेश किए गए। तब पता चला कि 12वीं में फेल होने वाला आम आदमी पार्टी का युवा नेता जाली सर्टिफिकेट लगाकर वकील बना है।
जांच रिपोर्ट आने के बाद भी राजनीतिक आकाओं की वजह से वह पुलिस पर दबाव बनाकर गिरफ्तारी से बचता रहा। शिकायतकर्ता एडवोकेट डेविड गिल ने इसकी शिकायत चुनाव आयोग से की। जिसके बाद चुनाव आयोग के आदेश पर आप नेता परमिंदर सिंह संधू पर मामला दर्ज करने के आदेश जारी कर दिए गए। थाना डिविजन पांच की पुलिस ने धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
ज्ञात रहे कि लुधियाना के टिब्बा रोड के गोपाल नगर इलाके में रहने वाले आप नेता परमिंदर सिंह संधू की शिकायत पर थाना डिविजन पांच पुलिस ने नवंबर 2022 को महानगर के कई वकीलों पर जाली डिग्री बनाने सहित कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। जब जांच आगे बढ़ी तो पता चला कि जाली दस्तावेज लगाने और जाली डिग्री लाने के मामले में परमिंदर सिंह संधू खुद भी गलत है। जिसके बाद एडवोकेट गिल ने शिकायत की और आरोप लगाया कि आप नेता ने 12वीं में फेल होने के बावजूद जाली सर्टिफिकेट लगा वकालत की है। एडवोकेट गिल ने 30 जनवरी 2023 को दर्ज कराई अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि आरोपी परमिंदर सिंह संधू द्वारा एलएलबी में दाखिला लेने के लिए पेश किया 12वीं कक्षा का प्रमाण पत्र फर्जी है।
शिकायत के बाद पुलिस ने जांच की। पुलिस के अनुसार संधू ने एलएलबी में दाखिले के लिए दिल्ली बोर्ड ऑफ सीनियर सेकेंडरी एजुकेशन द्वारा जारी 12वीं के सर्टिफिकेट का इस्तेमाल किया था। जांच के दौरान उसने पुलिस को दिए बयान में बताया कि उसने 2008 में पंजाब स्कूल एजुकेशन बोर्ड, मोहाली से 12वीं पास की थी, लेकिन जनवरी 2020 में उसका सर्टिफिकेट खो गया। जांच के दौरान जब पुलिस ने बोर्ड से संपर्क किया तो पता चला कि संधू 2008 में 12वीं फेल हो गया था। दिल्ली बोर्ड ऑफ सीनियर सेकेंडरी एजुकेशन द्वारा जारी सर्टिफिकेट फर्जी था। एडवोकेट गिल ने कहा कि राजनीतिक दबाव के कारण संधू पर कोई एक्शन पुलिस नहीं ले रही थी। चुनाव आयोग से शिकायत करने के बाद ही संधू को नामजद किया गया है।
टिप्पणियाँ