नई दिल्ली । ईडी ने दिल्ली शराब घोटाला से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में आरोपित दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से कोई देरी नहीं की गई है बल्कि आरोपितों की ओर से अर्जियां दायर कर देरी की जा रही है। राउज एवेन्यू कोर्ट की स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने जमानत याचिका पर अगली सुनवाई 10 अप्रैल को करने का आदेश दिया।
ईडी की ओर से पेश वकील जोहेब हुसैन ने कहा कि मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका में ट्रायल में देरी को आधार बनाया जा रहा है जबकि देरी आरोपितों की ओर से की जा रही है। सुनवाई के दौरान मनीष सिसोदिया की ओर से कहा गया कि ट्रायल कछुआ गति से चल रहा है जबकि सुप्रीम कोर्ट जमानत याचिका पर अपने फैसले में जल्द ट्रायल करने को कह चुका है।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ईडी के वकील ने कहा कि शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले मनीष सिसोदिया के बिना संभव ही नहीं था। ईडी के आरोपों के मुताबिक पुरानी शराब नीति में जो कमिशन फीस 5 फीसदी थी उसे नई शराब नीति में बढ़ाकर 12 फीसदी कर दिया गया था जिसकी वजह से होलसेल डिस्ट्रीब्यूटर्स ने 581 करोड़ रुपये की निश्चित फीस अर्जित की। नई शारब नीति की वजह से होलसेल डिस्ट्रीब्यूटर्स ने 338 करोड़ रुपए ज्यादा मुनाफा कमाया था और इसी के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर में सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था।
शनिवार को सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध करते हुए ईडी ने एक बार फिर इस बात पर जोर दिया ती 338 करोड़ रुपये अपराध की कमाई है। हुसैन ने यह भी तर्क दिया कि सबूत नष्ट कर दिए गए हैं। ईडी ने कहा, “विजय नायर सिसोदिया के निर्देशों के तहत और पूरे विश्वास के साथ काम कर रहा था।” बता दें, इससे पहले ईडी ने ये भी कहा था कि विजय नायर साउथ ग्रुप और आम आदमी पार्टी के बीच शराब नीति को लेकर हो रही डील में बिचौलिए की भूमिका निभा रहा था। उधर कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 18 अप्रैल तक बढ़ा दी है।
उल्लेखनीय है कि आज ही कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 18 अप्रैल तक बढ़ा दी। ईडी ने इस मामले में मनीष सिसोदिया को 9 मार्च 2023 को पूछताछ के बाद तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था। सिसोदिया को पहले सीबीआई ने 26 फरवरी 2023 को गिरफ्तार किया था।
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