चंडीगढ़। बाबा साहब भीमराव आम्बेडकर व शहीद-ए-आजम भगत सिंह के चित्रों के मध्य शराब घोटाले के आरोपी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की फोटो लगाने पर राजनीतिक दलों के साथ-साथ भगत सिंह के परिजनों ने भी इस पर आपत्ति जताई है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल की गुरुवार को वीडियो ब्रीफिंग के दौरान उनके पीछे एक तस्वीर लगाई गई थी। इसमें भगत सिंह और डॉ. भीमराव आंबेडकर की तस्वीर के बीच में मुख्यमंत्री केजरीवाल की तस्वीर लगी थी। इसको लेकर भाजपा ने आम आदमी पार्टी (आप) पर निशाना साधा था। वहीं भगत सिंह के पौत्र यादविंदर संधू ने भी इस पर बयान दिया। संधू ने कहा कि ‘दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल का एक वीडियो आया जिसमें दीवार पर भगत सिंह और बाबा साहेब अंबेडकर के साथ अरविंद केजरीवाल की तस्वीर लगाई गई थी। ये देखने के बाद मुझे बहुत बुरा लगा। उनकी तुलना दिग्गजों से करने की कोशिश की गई, मैं आम आदमी पार्टी से कहूंगा कि ऐसी गतिविधियों से दूर रहें।’
भगत सिंह देश के सर्वप्रिय नायक हैं और आम आदमी पार्टी उनके चेहरे का प्रयोग युवाओं को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए करती रही है। पार्टी ने दिल्ली के साथ-साथ पंजाब में भी अपनी सरकारों के कार्यकाल के दौरान सरकारी दफ्तरों में डा. आंबेडकर व भगत सिंह के चित्र लगवा कर खुद को इनका वारिस बताने का प्रयास किया परन्तु आज पार्टी और इसके बड़े नेता भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरते जा रहे हैं। वे अपनी करतूतें छिपाने के लिए भगत सिंह व बाबा साहब का सहारा लेने का प्रयास कर रहे हैं। इसको लेकर बलिदानियों के परिजनों में काफी रोष है।
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