नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में हाई कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया है। इसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका का विरोध किया गया है। ईडी ने बताया है कि वह केजरीवाल की जमानत का विरोध क्यों कर रही है। प्रवर्तन निदेशालय ने बताया है कि दिल्ली आबकारी घोटाले की मुख्य लाभार्थी आम आदमी पार्टी है और अरविंद केजरीवाल किंगपिन हैं। वहीं, केजरीवाल की याचिका पर आज हाई कोर्ट में सुनवाई होगी।
ईडी ने जवाबी हलफनामे में कहाकि इस घोटाले से मिले करीब 45 करोड़ की रकम से आम आदमी पार्टी ने गोवा में 2022 के विधानसभा के चुनाव प्रचार में खर्च किए। आम आदमी पार्टी ने अरविंद केजरीवाल के जरिये मनी लॉन्ड्रिंग की है। आम आदमी पार्टी की ओर से किया गया यह अपराध मनी लॉन्ड्रिंग कानून की धारा 50 के तहत आता है।
बतादें कि केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए 27 मार्च को हाई कोर्ट ने कोई राहत नहीं दी थी। हाई कोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था।
केजरीवाल फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। 1 अप्रैल को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने केजरीवाल को 15 अप्रैल तक की न्यायिक हिरासत में भेजा था। 27 मार्च को हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने कहा था कि केजरीवाल की गिरफ्तारी की वजह राजनीतिक है। उनको और उनकी पार्टी को लोकसभा चुनाव में निष्क्रिय करने के लिए उनको गिरफ्तार किया गया। सिंघवी ने कहा था कि ये गिरफ्तारी लोकतंत्र और संविधान के बुनियादी ढांचे पर हमला है। सिंघवी ने कहा था कि जांच 2022 में शुरू हुई थी। केजरीवाल को अक्टूबर 2023 में समन भेजा गया था। बिना बयान दर्ज किए पिछले हफ्ते गिरफ्तार कर लिया गया। अभी ऐसी गिरफ्तारी की क्या जरूरत थी। ऐसा क्या है जो बिना गिरफ्तार किए ईडी नहीं कर पा रही थी।
केजरीवाल की याचिका में 22 मार्च के राऊज एवेन्यू कोर्ट की ओर से हिरासत में भेजने के आदेश को चुनौती गई है। केजरीवाल ने कहा है कि वे वर्तमान सरकार के मुखर आलोचक रहे हैं, इसलिए उन्हें गिरफ्तार किया गया है।
21 मार्च को दिल्ली हाई कोर्ट से अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तारी से संरक्षण नहीं मिलने के बाद ईडी ने 21 मार्च को ही देर शाम को अरविंद केजरीवाल को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था।
ईडी अधिकारियों की जासूसी कर रहे थे केजरीवाल
ईडी के मुताबिक अरविंद केजरीवाल शराब नीति घोटाले के मुख्य साजिशकर्ता हैं। केजरीवाल के घर पर छापेमारी में कई अहम दस्तावेज मिले हैं। इन दस्तावेजों से पता चला है कि केजरीवाल दरअसल ईडी अधिकारियों की जासूसी कर रहे थे। ईडी के मुताबिक विजय नायर केजरीवाल के पास एक घर में रह रहा था। वह दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत को दिए गए घर में रुका था। उसने साउथ ग्रुप और आम आदमी पार्टी के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाई। अरविंद केजरीवाल ने साउथ ग्रुप से रिश्वत की मांग की। इस बात की पुष्टि बयानों से होती है। केजरीवाल ने के कविता से मुलाकात की थी। ईडी के मुताबिक आबकारी नीति को आम आदमी पार्टी के गोवा चुनाव में फंडिंग के लिए बदला गया।
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