वाराणसी। ज्ञानवापी से जुड़े वर्ष 1991 के प्राचीन मूर्ति स्वयंभू लॉर्ड विश्वेश्वरनाथ वाद में मंगलवार को सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रशांत सिंह की अदालत में सुनवाई पूरी हो गई। दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी दलीलें पेश की। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं।
इस मामले में नए पक्षकार के शामिल करने या फिर न करने को लेकर तथ्य रखा गया। इसके बाद कोर्ट ने पक्षकार बनने के लिए दिए गए प्रार्थना पत्र पर विचारण कर आदेश सुरक्षित कर लिया। अब इस मामले में 6 अप्रैल को न्यायालय का निर्णय आएगा।
लॉर्ड विश्वेश्वर के वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी की तरफ से शपथ पत्र के साथ आवेदन देकर आपत्ति दाखिल की गई है। वादी हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता मोहन यादव के अनुसार ज्ञानवापी प्रकरण के मूल वाद प्राचीन स्वयंभू ज्योतिर्लिंग लॉर्ड विश्वेश्वरनाथ के मामले में मुख़्तार अहमद के द्वारा पक्षकार बनने के लिए दिए प्रार्थना पत्र पर न्यायालय ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। वहीं, मुख़्तार अहमद के दायर दूसरे वाद में ज्ञानवापी में चादरपोशी सहित अन्य धार्मिक आयोजनों की अनुमति मांगी गई है। इस मामले में वादी मुख़्तार का बयान होना था।लेकिन कन्डोलेंस के चलते अब अगली सुनवाई 20 अप्रैल को होगी।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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