लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कानपुर जनपद में कन्वर्जन का एक बड़ा मामला पकड़ में आया है. करीब 110 महिलाओं और पुरुषों को दो बसों में भरकर उन्नाव स्थित एक चर्च में ले जाया जा रहा था. इन सभी लोगों को इस बात का लालच दिया गया था कि 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जायेगी. पुलिस ने इस मामले में नोयल विलियम्स और दीपक मॉरिस को गिरफ्तार किया है.
जानकारी के अनुसार दो बसों में भरकर 110 महिलाओं और पुरुषों को कन्वर्जन के लिए ले जाया जा रहा था. इस बीच बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को सूचना मिली कि कन्वर्जन करने वाले कुछ पादरी सक्रिय हैं. उन लोगों ने कानपुर के थाना नवाबगंज अंतर्गत वोट क्लब के पास पहुंचकर दोनों बस को रुकवाया और बस में सवार लोगों से आवश्यक जानकारी प्राप्त की. बातचीत करने पर उन लोगों को इस बात का अंदाजा लग गया कि कन्वर्जन के लिए इन लोगों को उन्नाव में स्थित एक चर्च में ले जाया जा रहा है. इसके बाद बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने पुलिस को सूचना दी. सूचना मिलने के कुछ देर बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बस में सवार लोगों से पूछताछ की.
कानपुर के अरमापुर निवासी संजय ने पुलिस को तहरीर देकर एफआईआर दर्ज कराई. संजय ने पुलिस को बताया कि वह बदायूं जनपद के बिल्सी का रहने वाला है. कुछ दिन पहले वह नोयल विलियम्स और दीपक मॉरिस के संपर्क में आया था. दोनों लोगों ने उसको ईसाई बनने के लिए उकसाया और कहा कि यीशु की पूजा करने पर उसकी सारी परेशानियां दूर हो जायेंगी. उसने यह भी बताया कि इन दोनों लोगों ने उसकी पत्नी को भी बहकावे में ले लिया है. अब उसकी पत्नी उसके साथ नहीं रहना चाहती है. इन दोनों लोगों ने ईसाई बनने के लिए उसके ऊपर काफी दबाव बनाया और यह भी कहा कि ईसाई बनने के बाद 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जायेगी. नौकरी का भी लालच दिया था.
पुलिस ने बताया कि गत 30 मार्च को देर रात करीब 1 बजे पुलिस को सूचना मिली कि कन्वर्जन के लिए दो बसों में भरकर करीब 100 से ज्यादा की संख्या में लोगों को उन्नाव के चर्च में ले जाया जा रहा है. सूचना मिलने पर तुरंत पुलिस ने सक्रियता बरतते हुए मौके पर पहुंचकर बसों की चेकिंग की. बस से सवार लोगों से बातचीत करने पर पता लगा कि उन लोगों को कानपुर के अरमापुर मोहल्ले से ले जाया जा रहा है और देर रात ही चर्च में किसी प्रकार का एक आयोजन किया गया था. उसमें उन लोगों को शामिल होना था. बसों में सवार 110 लोग आर्थिक रूप से कमजोर प्रतीत हो रहे थे. इन लोगों को आर्थिक सहायता का लालच दिया गया था. इस मामले में ईसाई समाज के विलियम्स और दीपक मॉरिस को गिरफ्तार कर लिया गया है।
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