गत मार्च को रोहिणी (नई दिल्ली) में संस्कृत भारती ने संस्कृत सम्मेलन आयोजित किया। इसमें समाज के विभिन्न क्षेत्रों के लोग शामिल हुए। बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए लोगों का मन मोह लिया। मुख्य अतिथि और पूर्व विधायक कुलवंत राणा ने कहा कि समाज में संस्कृत और संस्कृति के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए ऐसे कार्यक्रम होने चाहिए।
सम्मेलन में दिव्य ज्योति जागृति संस्थान (सेक्टर-15, रोहिणी) की संयोजिका साध्वी दिव्या योग भारती ने कहा कि संस्कृत भारती संस्कृत को जनभाषा बना रही है। कवयित्री डॉ. सुनीता पूनिया ने कहा कि जनमानस को संस्कृत पढ़नी चाहिए।
संस्कृत भारती के डॉ. विजय कुमार सिंह ने बताया कि इस अवसर पर संस्कृत भारती की गतिविधियों पर प्रदर्शनी भी लगाई गई। सम्मेलन को सफल बनाने में आर्ट आफ लिविंग, इस्कॉन, सावन धर्मार्थ आश्रम, दिव्य ज्योति जागृति संस्थान वेद मंदिर, बालाजी मंदिर, वंचित फाउंडेशन, आर्ट ग्लोबल वैलनेस फाउंडेशन, रॉयल पब्लिक स्कूल आदि संगठनों की बड़ी भूमिका रही।
टिप्पणियाँ