दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को करारा झटका दिया। कोर्ट ने केजरीवाल को ईडी की गिरफ्तारी से राहत देने से इनकार कर दिया।
केजरीवाल के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के केस की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट के जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस मनोज जैन की खंडपीठ ने कहा, “इस स्तर पर हम इस तरह का आदेश पारित करने के इच्छुक नहीं हैं।” आप संयोजक ने अपनी याचिका में PMLA एक्ट की धारा 2(1) (एस) को असंवैधानिक और मनमाना घोषित करने की मांग की थी।
केजरीवाल ने अपनी याचिका में मांग की गई थी कि एक राजनीतिक दल और एक मुख्यमंत्री होने की हैसियत से सभी कार्यवाही को रद्द की जाए। हालांकि, कोर्ट ने उनकी एक न सुनी।
केजरीवाल के घर पहुंची ईडी की टीम
वहीं कोर्ट से केजरीवाल को झटका लगते ही ईडी की टीम हरकत में आ गई है। गुरुवार की ही शाम को प्रवर्तन निदेशालय की एक टीम उनके आवास पर पहुंची। ईडी की टीम ने केजरीवाल के आवास पर उनके कर्मचारियों को सूचित किया कि उनके पास उत्पाद शुल्क नीति मामले में उनके खिलाफ सर्च वारंट है।
यह दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा शराब नीति घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जारी समन के संबंध में केजरीवाल को गिरफ्तारी से किसी भी अंतरिम संरक्षण से इनकार करने के कुछ घंटों बाद आया।
मामले में आप नेता मनीष सिसौदिया और संजय सिंह न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी द्वारा दायर आरोप पत्र में केजरीवाल के नाम का कई बार उल्लेख किया गया है। एजेंसी ने आरोप लगाया है कि आरोपी उत्पाद शुल्क नीति तैयार करने के लिए केजरीवाल के संपर्क में थे, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें अनुचित लाभ हुआ, जिसके बदले में उन्होंने आप को रिश्वत दी।
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