दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता सतेन्द्र जैन की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च अदालत ने बड़ी टिप्पणी करते हुए उसे ख़ारिज कर दिया। बता दें कि 9 महीने तक मेडिकल आधार पर मिली जमानत के बाद सतेन्द्र जैन एक बार फिर तिहाड़ की सलाखों के पीछे पहुंच गए हैं। बता दें की सतेन्द्र जैन को 2022 में मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।
सत्येंद्र जैन को सोमवार को उस समय बड़ा झटका लगा जब देश की सबसे बड़ी अदालत ने ना सिर्फ नियमित जमानत के लिए दायर उनकी याचिका खारिज कर दी, बल्कि उन्हें तुरंत सरेंडर करके जेल जाने का आदेश दे दिया। सर्वोच्च अदालत ने यह भी कहा कि ‘पहली नजर में सत्येंद्र जैन दोषी हैं और जांच एजेंसी के पास उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं’।
सुप्रीम कोर्ट कहा- ‘केस के सभी तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखकर हमारा विचार है कि आवेदक (सत्येंद्र जैन) हमें ऐसे आधार बताने में पूरी तरह विफल रहे हैं , जिनसे माना जाए कि वे कथित अपराध में दोषी नहीं हैं। इसके उलट ईडी ने पर्याप्त सामग्री जुटाई हैं जो दिखाती हैं कि पहली नजर में वे (सत्येंद्र जैन और उनके सहयोगी) कथित अपराध में दोषी है।
सर्वोच्च अदालत ने गवाहों के बयानों का भी जिक्र करते हुए कहा कि इस बात में भी कोई आशंका नहीं है कि कैश देकर कोलकाता आधारित एंट्री ऑपरेटर से चार कंपनियों के बैंक अकाउंट में करीब 4.81 करोड़ रुपए प्राप्त किए गए और इसमें आवेदक (सत्येंद्र कुमार जैन) शामिल थे। कोर्ट ने कहा कि यह आइडिया उनका ही था।
जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और पंकज मिथल की बेंच की ओर से यह टिप्पणी और तुरंत सरेंडर के आदेश के बाद शाम को सत्येंद्र जैन वापस तिहाड़ चले गए।
बता दें कि ईडी ने सत्येंद्र जैन को कथित तौर पर उनसे जुड़ीं चार कंपनियों में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में 30 मई 2022 को गिरफ्तार किया था। जैन पर प्रिवेंशन ऑफ करप्शन ऐक्ट के तहत 2017 में दर्ज हुए केस के आधार पर ईडी ने एफआईआर दर्ज की थी। पिछले साल मई में सत्येंद्र जैन जेल के बाथरूम में गिर पड़े थे। खराब सेहत के आधार पर उन्हें अंतरिम जमानत दे दी गई थी। इसके बाद कई मौकों पर यह राहत बढ़ती रही।
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