उत्तराखंड ब्यूरो/पिथौरागढ़ । सीमावर्ती कस्बा धारचूला में सन 2000 के बाद बाहर से आए लोगो से किराए की दुकानें खाली कराने के लिए स्थानीय व्यापार संघ ने 91 दुकानदारों और उनके मकान मालिकों को नोटिस जारी कर दिया है। स्थानीय लोगो में बरेली के एक मुस्लिम युवक द्वारा दो स्थानीय नाबालिग लड़कियों को भगा ले जाने के बाद आक्रोश पनपा हुआ है।
धारचूला ,नेपाल से सटा हुआ सीमावर्ती कस्बा है यही से तिब्बत के लिए भी रास्ता जाता है। यहां रं जनजाति बाहुल्य आबादी है। सन 2000 के बाद यहां बड़ी संख्या में मुस्लिम मजदूरी करने आए और बस्ते चले गए, धीरे धीरे उनके रिश्तेदार यहां आने लगे और यहां छोटे मोटे कारोबार करने लगे ,इसके बाद यहां एक मस्जिद भी बन गई।
नाबालिग लड़कियों की घटना के बाद से यहां के हिंदू जनजाति समाज में भारी रोष देखा गया, लड़कियों की बरामदगी के बाद यहां के व्यापार संघ के नेतृत्व में स्थानीय लोगो ने बाजार बंद करके एक आंदोलन शुरू किया जिसमे ये तय किया गया कि यहां किराए की दुकान लेकर काम कर रहे 91 बाहरी लोगो को यहां से जाना होगा, इसके लिए उनके मकान मालिकों को भी चेताया गया है। बताया जा रहा है कि इन दुकानों को चिन्हित करके कह दिया गया है कि वो सीमांत क्षेत्र से शांति पूर्वक चले जाएं। इसके लिए दो हफ्ते का समय दिया गया है।
जानकारी के मुताबिक कई दुकानदारों ने अपना सामान समेट कर रवानगी भी कर ली है।
धारचूला व्यापार संघ के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह थापा का कहना है कि बाहर से आते इन लोगो ने हमारी संस्कृति पर हमला किया है।
महासचिव महेश गर्ब्याल का कहना है कि जब तक यहां इनरलाईन थी तब तक कोई बाहरी व्यक्ति यहां टिक नही सकता था, अब इनर लाइन खुल जाने से यहां मुस्लिम लोगो की भीड़ बढ़ने लगी और वे अपराधो में लिप्त है।
स्थानीय व्यापारी नेता अश्वनी नपलच्याल ने कहा है कि हमने भवन स्वामियों को ये हिदायत दी है कि इनसे दुकान मकान खाली करवाए और स्थानीय लोगो को रोजगार करने के अवसर दें।
बरहाल धारचूला में तनावपूर्ण शांति है और स्थानीय लोग नही चाहते कि बाहरी लोग यहां आकर बसे और उनकी जनजाति संस्कृति के साथ खिलवाड़ करें। बाहरी लोगो की दुकानें या तो बंद है या फिर वो अपना समान समेट कर चले गए है।
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