पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय ने वही बात दोहराई है जो सर्वोच्च न्यायालय विगत किसान आंदोलन के दौरान बार-बार कहता रहा है। आंदोलन को लेकर आज उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई, इस दौरान हाईकोर्ट का सख्त रवैया नजर आया। न्यायालय ने किसानों को कहा कि प्रदर्शन के अधिकार भी दायरा है। धरने में ट्रैक्टर-ट्रॉली ले जाने का क्या मतलब है? कानून के अनुसार हाईवे पर ट्रैक्टर-ट्रॉली नहीं ले जा सकते।
न्यायालय ने कहा कि प्रदर्शनकारी बस या अन्य साधन के जरिए भी जा सकते हैं। हाईकोर्ट ने सुनवाई दौरान पंजाब सरकार को निर्देश दिए हैं कि शंभू और खनौरी बार्डर पर ज्यादा भीड़ इकट्ठा न होने दें। बार्डर पर भीड़ ज्यादा हो रही है। बताया जा रहा है कि किसान आंदोलन को लेकर अगले सप्ताह हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। इस दौरान हाईकोर्ट ने आंदोलन को लेकर केंद्र से भी से रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने रविवार को जो केंद्र के 3 मंत्री आए थे, किसानों की बैठक हुई थी, उसकी जानकारी मांगी है कि किन-किन मांगों को लेकर क्या चर्चा हुई है। जिक्रयोग्य है कि रविवार को किसानों और केंद्र सरकार के बीच चौथे दौर की बैठक हुई थी।
अदालत के निर्देशों के बावजूद आंदोलनकारी किसान न केवल शंभू बार्डर पर डटे हुए हैं, बल्कि 21 फरवरी को दिल्ली कूच की जिद्द पर वाजिद हैं। केवल इतना ही नहीं शंभू बार्डर पर आंदोलनकारी किसान कंक्रीट के बैरीयर हटाने के लिए बड़ी-बड़ी क्रेनें व पोकलेन मशीनें लेकर पहुंच रहे हैं।
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