पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले का संदेशखाली गांव हिन्दू महिलाओं के साथ हुए अत्याचार की चीख-चीख कर गवाही दे रहा है। इस मामले में आखिरकार पुलिस ने टीएमसी नेता शिबू हाजरा उर्फ शिव प्रसाद हाजरा को गिरफ्तार कर ही लिया। इसके साथ ही पुलिस ने शिव प्रसाद औऱ उत्तम सरदार के खिलाफ गैगरेप के चार्ज को भी जोड़ दिया है। ये सभी संदेशखाली के मुख्य आरोपी ममता के करीबी टीएमसी नेता शेख शाहजहां के सहयोगी हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, संदेशखाली की पीड़ित हिन्दू महिलाओं की शिकायत के बाद पुलिस ने केवल छेड़छाड़ का केस दर्ज किया था। हालांकि, जब पुलिस पीड़िताओं को मजिस्ट्रेट के सामने ले गई तो उन्होंने बताया कि उनके साथ छेड़छाड़ नहीं, बल्कि गैंगरेप किया गया है। इसके बाद कोर्ट के आदेश के बाद इस मामले में गैंगरेप की धाराओं को भी जोड़ा गया।
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उधर पश्चिम बंगाल के डीजीपी राजीव कुमार संदेशखाली की घटना के करीब एक सप्ताह बाद अब कहते हैं कि इस मामले को लेकर पुलिस ने लगभग सभी महिलाओं से बात की है। उनका कहना है कि 6 दिन तक को इस मामले में किसी भी महिला ने कोई शिकायत ही नहीं की थी। अगर सबूत मिलता है तो दोषियों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।
टीएमसी का धमकाने वाला बयान
इस बीच संदेशखाली में हिंसा औऱ प्रदेश में लगातार खराब हो रहे माहौल के बीच टीएमसी अटैकिंग मोड में आ गई है। जहां भाजपा ने बंगाल में बिगड़ती कानून व्यवस्था के मुद्दे पर राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की हैं। एक्टर मिथुन चक्रवर्ती ने भी इस मामले में शनिवार को बयान दिया। उन्होनें संदेशखाली की घटना की आलोचना करते हुए कहा कि महिलाओं के साथ इससे बुरी चीज कुछ भी नहीं हो सकती। एक महिला होकर आप इस तरह का गंदा खेल खेल रहे हैं? यह विश्वास से परे है। हम सभी राजनीति करते हैं, लेकिन ये राजनीति से परे हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए।
वहीं टीएमसी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने धमकाने वाले अंदाज में कहा कि मैं चुनौती देता हूं अगर आपमें हिम्मत है तो राष्ट्रपति शासन लागू करके दिखाओ। इस तरह के बयानों को अपने तक सीमित रखो। वहीं घोष ने मिथुन चक्रवर्ती के बयान को आधारहीन करार दे दिया है। हालांकि, सच सभी के सामने है।
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