पड़ोसी इस्लामी देश पाकिस्तान में आम चुनाव के नतीजों के बाद ठीक वही सब शुरू हो गया है जिसके कयास लगाए जा रहे थे। वहां चुनाव होना शांति और स्थिरता की गारंटी कभी नहीं रहे हैं। उसी तर्ज पर अब कुर्सी की कवायद में जोड़ सही बैठाने के लिए मारामारी शुरू हो गई है। सियासी उथलपुथल के मध्य अब इमरान खान की पार्टी के समर्थन से जीते उम्मीदवारों पर फिर से सेना ने गाज गिरानी शुरू की है।
जेल में कैद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पीटीआई का कहना है कि उसके समर्थन से जीते उम्मीदवारों पर सेना व पुलिस के माध्यम से जबरदस्त दबाव बनाया जा रहा है कि पीटीआई छोड़कर नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन में शामिल हो जाओ नहीं तो जेल की हवा खाओगे।
यानी वहां की फौज एक बार फिर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान की पार्टी के विरुद्ध सख्ती बरतने लगी है। 8 फरवरी को सम्पन्न हुए आम चुनावों में इमरान समर्थकों की सबसे ज्यादा संख्या में जीत किसी अन्य पार्टी और खुद सेना को शायद हजम नहीं हो रही है। सत्ता ने इंतजाम तो यह किया था कि आम चुनाव से इमरान की पीटीआई को बाहर करने के बाद, सत्ता की चाबी पूरी तरह से सेना और उसके चुनिंदा नेताओं के हाथ आ जाएगी। लेकिन नतीजों ने सबको हैरान करके रख दिया। इमरान की पार्टी के समर्थन से 93 निर्दलीय उम्मीदवारों का जीतना शायद इस्लामी मुल्क के चुनावी इतिहास में अनोखी घटना रही है।
इस वजह से देश हुए इन चुनावों में किसी भी दल को पूरा बहुमत नहीं मिला। कल जिस प्रकार से इमरान खान की पार्टी के विरुद्ध पुलिसिया कार्रवाई शुरू हुई है उसने विश्लेषकों में इस शक की कसर नहीं छोड़ी है कि सेना हर तरह से इमरान को सत्ता से दूर रखना चाहती है। खुद पीटीआई का दावा कि इमरान खान के समर्थन से जीते निर्दलीय सांसदों पर जबरदस्त दबाव बनाया जा रहा है, यह कोई आम बात नहीं है। यह दिखाता है कि सेना का पलड़ा नवाज की पीएमएल की तरफ झुका है।
हैरानी की बात है कि पीटीआई ने पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा में मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए जिन जीते उम्मीदवारों के नाम घोषित किए थे उनके विरुद्ध गिरफ्तारी के वारंट जारी किए जा चुके हैं। देश की जांच एजेंसी एफआईए ने इमरान खान की बहन अलीमा खान पर आरोप लगाया है कि उन्होंने ‘जनता को गुमराह करने की कोशिश’ की है।
पीटीआई के सूत्रों के अनुसार, पुलिस ने पीटीआई समर्थित जीते कई निर्दलीय उम्मीदवारों को उनके घरों से गिरफ्तार कर लिया है। यह अभियान खासकर पाकिस्तान के पंजाब सूबे में चला है जहां जीते निर्दलीय उम्मीदवारों और उनकी संपत्तियों पर गाज गिरी है।
हैरानी की बात है कि पीटीआई ने पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा में मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए जिन जीते उम्मीदवारों के नाम घोषित किए थे उनके विरुद्ध गिरफ्तारी के वारंट जारी किए जा चुके हैं। देश की जांच एजेंसी एफआईए ने इमरान खान की बहन अलीमा खान पर आरोप लगाया है कि उन्होंने ‘जनता को गुमराह करने की कोशिश’ की है।
उधर पीटीआई ने प्रधानमंत्री पद के लिए उमर अयूब का नाम आगे किया हुआ है। उन्होंने कल एक स्थानीय अदालत से अग्रिम जमानत ली है, क्योंकि उन्हें शक है कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज की अगुआई वाले गठबंधन के इस पद के उम्मीदवार शाहबाज शरीफ से ‘टक्कर’ लेने के ‘जुर्म’ में कहीं पुलिस उन्हें भी पकड़ न ले। उन्हें शक है कि उन्हें असेंबली में जाने से रोकते हुए किसी फर्जी मामले में गिरफ्तार किया जा सकता है।
इन्हीं उमर अयूब का दावा है कि गुप्तचर एजेंसियों ने सियालकोट से पीटीआई के समर्थन से जीते सांसद असलम घुम्मन को अज्ञात लोगों से अगवा करवा लिया है। सोशल मीडिया पर अयूब ने लिखा है कि असलम पर दबाव बनाया जा रहा है कि पीटीआई छोड़कर नवाज की पार्टी पीएमएल-एन में चले जाएं।”
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