राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत ने लोककलाओं को संरक्षित और प्रसारित करने के लिए गणपत सखाराम मसगे और चित्रकला क्षेत्र में विजय दशरथ आचरेकर को भरतमुनि सम्मान प्रदान किया।
गत फरवरी तक बेंगलूरु में संस्कार भारती द्वारा अखिल भारतीय कला साधक संगम आयोजित किया गया। इसका उद्घाटन मैसूर के महाराजा यदुवीर वाडयार और विजय नगर के महाराजा कृष्णदेव राय ने किया। इस अवसर पर पद्मश्री मंजम्मा जोगती, प्रसिद्ध तबला वादक रविंद्र यागवमल, संस्कार भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष वासुदेव कामत, उपाध्यक्ष मैसूर मंजूनाथ और महामंत्री अश्विन दलवी उपस्थित थे।
दूसरे दिन सामाजिक समरसता में कला और साहित्य की भूमिका विषय पर एक गोष्ठी हुई। लोकगायिका मालिनी अवस्थी की अध्यक्षता में संपन्न इस गोष्ठी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक रविंद्र किरकोले,डॉ. इंदुशेखर तत्पुरुष, अनिल सेकिया और डॉ. अदिति पासवान ने विचार रखे।
तीसरे दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत ने लोककलाओं को संरक्षित और प्रसारित करने के लिए गणपत सखाराम मसगे और चित्रकला क्षेत्र में विजय दशरथ आचरेकर को भरतमुनि सम्मान प्रदान किया। सम्मान स्वरूप दोनों साधकों को भरतमुनि की मूर्ति,एक प्रशस्तिपत्र और 1,50,000 रु. का चेक प्रदान किया गया। कला साधक संगम के आखिरी दिन सामाजिक समरसता पर आधारित शोभायात्रा निकाली गई।
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