Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष को व्यासजी तहखाने में पूजा करने का अधिकार दिया गया, जिससे मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका लगा। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश ने अपने आदेश में वाराणसी जिला प्रशासन को सात दिन के अंदर व्यासजी तहखाने में पूजा व्यवस्था पूरी तरह से बहाल करने का आदेश दिया है। कोर्ट से नियमित पूजा-अर्चना का आदेश जारी होने के बाद ही प्रशासनिक स्तर पर इसे खोलने की तैयारी शुरू कर दी गयी, जिसके बाद मुस्लिम पक्ष सक्रिय हो गया। ज्ञानवापी ढांचे की संचालक अंजुमन इंतजामिया मसाजिद हिन्दू पक्ष को पूजा-पाठ का आदेश आने के बाद आधी रात को सुप्रीम कोर्ट पहुंची और ज्ञानवापी ढांचे के व्यासजी तहखाने में पूजा-पाठ रोकने की मांग की।
मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सुबह करीब 3 बजे मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुनवाई की। मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्होंने राहत देने से इनकार कर दिया। इसके बाद मुस्लिम पक्ष को इलाहाबाद हाई कोर्ट जाने का आदेश दिया गया।
जिला अदालत के फैसले को चुनौती
ज्ञानवापी परिसर में स्थित व्यासजी के तहखाने में पूजा की इजाजत देने वाले वाराणसी जिला न्यायालय के आदेश के खिलाफ ढांचा समिति ने रात को ही सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई। सूत्रों के मुताबिक, अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से वकीलों की टीम ने दोपहर 3 बजे ही सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार के सामने मामला पेश कर दिया था। मुस्लिम पक्ष ने निचली अदालत के आदेश पर तत्काल रोक लगाने की मांग की। मुस्लिम पक्ष का कहना था कि एक आदेश जारी किया जाए ताकि हमें अन्य कानूनी राहत विकल्प आजमाने का समय मिल सके। सुबह 4 बजे सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार ने मुख्य न्यायाधीश के सामने मुस्लिम पक्ष की मांग रखी। कागज देखने के बाद चीफ जस्टिस ने मुस्लिम पक्ष को इलाहाबाद हाई कोर्ट जाकर वहां अपना पक्ष रखने को कहा।
जिला जज के व्यासजी तहखाने में हिंदुओं को पूजा का अधिकार मिलने के बाद प्रशासनिक स्तर पर कार्रवाई शुरू हो गयी। बुधवार रात करीब साढ़े 11 बजे कमिश्नर कौशलराज शर्मा, पुलिस कमिश्नर मुथा अशोक जैन समेत कई वरिष्ठ अधिकारी ज्ञानवापी परिसर पहुंचे। वहां सभी ने जिला जज के आदेश के बाद दक्षिणी तहखाना में पूजा को लेकर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की।
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