देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्टेट हैंडलूम एक्सपो में कहा कि उत्तराखंड के हैंडलूम को यहां की मेहनतकश महिलाएं बनाती हैं। ये मेरी जैकेट और मफलर भी वो ही बनाती हैं। एक्सपो के अवसर पर मुख्यमंत्री ने यहां लगी विभिन्न स्टॉलों का निरीक्षण कर शिल्पियों, बुनकरों एवं लघु उद्यमियों का उत्साहवर्धन किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर 10 लोगों को उत्तराखंड शिल्प रत्न पुरस्कार भी प्रदान किए। इसके तहत एक लाख रुपए की धनराशि, प्रशस्ति पत्र एवं अंग वस्त्र दिए गए।
मुख्यमंत्री धामी ने शिल्प रत्न एवं हथकरघा, हस्तशिल्प एवं लघु उद्यम क्षेत्र में पुरूस्कृत सभी उत्कृष्ट कार्य कर रहे शिल्पियों, बुनकरों एवं लघु उद्यमियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजनों के माध्यम से जहां एक ओर स्थानीय उत्पादों को प्रदर्शित करने का मौका मिलता है। वहीं, आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए ’’आत्मनिर्भर भारत’’ के मंत्र को भी मजबूती मिलती है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति को आप हैंडलूम में उकेरिए और देखिए बाजार अवश्य मिलेगा। उन्होंने कहा कि हमारे पिछौड़े के डिजाइन की अलग पहचान है। इसकी बहुत मांग है और यह मांग देश ही नहीं, दुनियाभर में बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि हमारे यहां की टोपी को प्रधानमंत्र मोदी ने जब से पहना है वो पूरी दुनिया में लोकप्रिय हो गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब मैं लंदन और दुबई के दौरे पर गया तो वहां पर भी बड़ी संख्या में लोगों ने इस टोपी को पहनकर स्वागत किया। यह दर्शाता है कि हमारे उत्पाद पूरी दुनिया में तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात, मुंबई, बैंगलोर सहित अन्य स्थानों पर भी जब हम गए तो लोगों के सिर पर उत्तराखंड की टोपी थी और उस पर ब्रह्मकमल का चिन्ह बना हुआ था। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे हैंडलूम में आप यहां के प्रतीक चिन्ह हमारी संस्कृति का समावेश करेंगे तो ये निश्चित ही देश-दुनिया में लोकप्रियता और पहचान दिलाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जो जैकेट मैंने पहनी हुई है, वो आपकी बनाई हुई है, इसकी बहुत मांग है, क्योंकि प्रदेश में भांग के रेशे से, बांस के रेशे से जैकेट्स बन रही है, मफलर बन रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आदरणीय प्रधानमंत्री के मंत्र ’’वोकल फार लोकल, लोकल फार गलोबल थीम’’ के अर्न्तगत राज्य के आर्गेनिक उत्पाद एवं परम्परागत शिल्प उत्पादों के विकास एवं विपणन के लिए निरन्तर प्रयासरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम मोदी जब लगभग दो वर्ष पहले वाइब्रेंट विलेज के तहत माणा प्रवास पर आए थे तो उनके द्वारा उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों के लिए ब्रांड बनाने का सुझाव दिया था। इस पर अमल करते हुए हमारी सरकार ने विगत दिसंबर माह में देहरादून में हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान हाउस ऑफ हिमालयाज नाम से अम्ब्रेला ब्रांड का शुभारंभ प्रधानमंत्री के हाथों करा दिया है। इसके लिए कंपनी भी बन गई है और इसे रजिस्टर्ड भी करा दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में स्थानीय शिल्प उत्पादों के विकास एवं विपणन के प्रोत्साहन के लिए राज्य सरकार की विभिन्न योजनायें संचालित की जा रही हैं, जिसमें शिल्पी पेंशन योजना, शिल्प रत्न पुरूस्कार, मेला एवं प्रदर्शनी एवं केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना प्रमुख हैं। हमारी सरकार हथकरघा एवं हस्तशिल्प क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिल्पियों के मान सम्मान के लिए भी प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हमारे लिए अत्यन्त हर्ष का विषय है कि उत्तराखण्ड ने राज्य में उत्पादित, निर्मित 9 हस्तशिल्प उत्पादों ने जीआई टैग प्राप्त किये हैं। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों के विकास का कार्य जो पहले एक सपना मात्र लगता था वह आज प्रधानमंत्री के नेतृत्व में जमीन पर संभव होता दिख रहा है। आज के आधुनिक युग में भी प्रत्येक उत्तराखंडी अपनी संस्कृति से जुड़ा हुआ है। आज का यह हैंडलूम एक्सपो, अपनी जड़ों से जुड़े रहने की हमारी इसी जिद को प्रदर्शित कर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरा मानना है कि एक समृद्धशाली उत्तराखंड के निर्माण के लिए यह आवश्यक है कि इस प्रकार के आयोजन प्रदेश में प्रत्येक स्थान पर निरंतर होते रहें।
इस अवसर पर विधायक राजपुर रोड खजान दास, राज्य स्तरीय महिला उद्यमी परिषद की उपाध्यक्ष विनोद उनियाल, सचिव उद्योग विनय शंकर पांडेय आदि उपस्थित रहे।
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