राजधानी दिल्ली के कर्तव्य पथ पर भारतीय सैन्य बलों की सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के सलामी लेने के साथ शुरू हुई गणतंत्र दिवस परेड में भारत ने अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन किया। तीनों सेनाओं की टुकड़ियों ने अपनी-अपनी झांकियों के जरिये स्वदेशी हथियारों के साथ ‘आत्मनिर्भरता’ दिखाई। भारत के लड़ाकू विमानों ने हवाई ताकत के साथ पहली बार ‘टैंगेल फॉर्मेशन’ को दिखाया, जिसका इस्तेमाल 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध में करके भारत की सेना ढाका में घुस गई थी। राजपूताना राइफल्स ने ‘राजा रामचंद्र की जय’ के युद्ध घोष के साथ कर्तव्य पथ पर मार्च किया।
परेड की कमान दिल्ली एरिया के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल भवनीश कुमार ने संभाली। मुख्यालय दिल्ली क्षेत्र के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल सुमित मेहता परेड के सेकेंड-इन-कमांड थे। परेड में सर्वोच्च वीरता पुरस्कारों से सम्मानित परमवीर चक्र विजेता सूबेदार मेजर (मानद कैप्टन) योगेन्द्र सिंह यादव (सेवानिवृत्त) और सूबेदार मेजर संजय कुमार (सेवानिवृत्त) और अशोक चक्र विजेता मेजर जनरल सीए पीठावाला (सेवानिवृत्त), कर्नल डी श्रीराम कुमार और लेफ्टिनेंट कर्नल जस राम सिंह (सेवानिवृत्त) शामिल हुए। परमवीर चक्र दुश्मन के सामने बहादुरी और आत्मबलिदान के सबसे विशिष्ट कार्य के लिए, जबकि अशोक चक्र दुश्मन के सामने बहादुरी और आत्मबलिदान के अलावा अन्य कार्यों के लिए भी दिया जाता है।
इस बार कर्तव्य पथ परेड के मुख्य अतिथि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के सामने फ्रांसीसी सशस्त्र बलों के संयुक्त बैंड और मार्चिंग दल के मार्च पास्ट का गवाह बना। 30 सदस्यीय बैंड दल का नेतृत्व कैप्टन खुरदा ने किया। इसके बाद 90 सदस्यीय मार्चिंग दल का नेतृत्व कैप्टन नोएल ने किया। एक मल्टी-रोल टैंकर परिवहन विमान और फ्रांसीसी वायु तथा अंतरिक्ष बल के दो राफेल लड़ाकू विमानों ने सलामी मंच से आगे बढ़ते समय टुकड़ियों के ऊपर उड़ान भरी।
भारतीय सेना के मार्चिंग दस्ते में मैकेनाइज्ड कॉलम का नेतृत्व करने वाली सेना की 61 कैवेलरी टुकड़ी शामिल हुई, जिसका नेतृत्व मेजर यशदीप अहलावत ने किया। 1953 में स्थापित 61 कैवेलरी दुनिया में एकमात्र सेवारत सक्रिय हॉर्स कैवेलरी रेजिमेंट है, जिसमें सभी ‘स्टेट हॉर्सड कैवेलरी यूनिट्स’ शामिल हैं। इसके बाद 11 मैकेनाइज्ड कॉलम, 12 मार्चिंग टुकड़ियां और आर्मी एविएशन कोर के उन्नत लाइट हेलीकॉप्टर की सलामी उड़ान हुई। मैकेनाइज्ड कॉलम में टैंक टी-90 भीष्म, नाग (एनएजी) मिसाइल सिस्टम, इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल, ऑल-टेरेन व्हीकल, पिनाका, वेपन लोकेटिंग रडार सिस्टम ‘स्वाति’, सर्वत्र मोबाइल ब्रिजिंग सिस्टम, ड्रोन जैमर सिस्टम और मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल सिस्टम आदि मुख्य आकर्षण रहे।
पहली बार कर्तव्य पथ पर तीनों सेनाओं की महिला टुकड़ी ने मार्च किया, जिसका नेतृत्व सैन्य पुलिस की कैप्टन संध्या ने किया। इसमें तीन अतिरिक्त अधिकारी कैप्टन शरण्या राव, सब लेफ्टिनेंट अंशू यादव और फ्लाइट लेफ्टिनेंट श्रृष्टि राव भी शामिल हुईं। महिला सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा दल का नेतृत्व मेजर सृष्टि खुल्लर ने किया, जिसमें आर्मी डेंटल कोर में कैप्टन अंबा सामंत, भारतीय नौसेना में सर्जन लेफ्टिनेंट कंचना और भारतीय वायु सेना में फ्लाइट लेफ्टिनेंट दिव्या प्रिया शामिल हैं। सेना के मार्चिंग दस्तों में मद्रास रेजिमेंट, ग्रेनेडियर्स, राजपूताना राइफल्स, सिख रेजिमेंट और कुमाऊं रेजिमेंट शामिल हुई। 20वीं बटालियन के लेफ्टिनेंट संयम चौधरी के नेतृत्व में राजपूताना राइफल्स ने गणतंत्र दिवस परेड के हिस्से के रूप में ‘राजा रामचंद्र की जय’ के युद्ध घोष के साथ कर्तव्य पथ पर मार्च किया।
भारतीय नौसेना दल में 144 पुरुष और महिला अग्निवीर शामिल हुए, जिनका नेतृत्व दल कमांडर के रूप में लेफ्टिनेंट प्रज्वल एम और प्लाटून कमांडर के रूप में लेफ्टिनेंट मुदिता गोयल, लेफ्टिनेंट शरवानी सुप्रिया और लेफ्टिनेंट देविका एच ने किया। इसके बाद नौसेना की झांकी में ‘नारी शक्ति’ और ‘स्वदेशीकरण के माध्यम से महासागरों में समुद्री शक्ति’ को दर्शाया गया। झांकी के पहले भाग में भारतीय नौसेना की सभी भूमिकाओं और सभी रैंकों में महिलाओं को दर्शाया गया, जबकि दूसरे भाग में पहले स्वदेशी कैरियर बैटल ग्रुप को दर्शाया गया। झांकी में विमान वाहक विक्रांत, उसके अत्यधिक सक्षम एस्कॉर्ट जहाज दिल्ली, कोलकाता और हल्के लड़ाकू विमान शिवालिक और उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर, कलवरी श्रेणी पनडुब्बी और जीसैट-7, रुक्मिणी उपग्रह को शामिल किया गया।
भारतीय वायुसेना के मार्चिंग दस्ते में स्क्वाड्रन लीडर रश्मी ठाकुर के नेतृत्व में 144 वायुसैनिक और चार अधिकारी शामिल हुए। स्क्वाड्रन लीडर सुमिता यादव और प्रतीति अहलूवालिया और फ्लाइट लेफ्टिनेंट कीर्ति रोहिल दल कमांडर के पीछे अतिरिक्त अधिकारियों के रूप में मार्च पास्ट किया। वायुसेना की झांकी ‘भारतीय वायु सेना: सक्षम, सशक्त, आत्मनिर्भर’ थीम पर थी। झांकी में एलसीए तेजस और सुखोई-30 को आईओआर के ऊपर उड़ान भरते हुए दिखाया गया है। झांकी में एक सी-295 परिवहन विमान को कॉकपिट में महिला एयरक्रू द्वारा उड़ाया जा रहा है। झांकी पर स्थित जीसैट-7ए भारतीय वायुसेना के अपने संचालन में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी को दर्शाता है। झांकी में यह भी दिखाया गया है कि भारतीय वायुसेना देश के भीतर के साथ ही विदेशी जमीन पर भी मानवीय सहायता प्रदान करने में सबसे आगे रही है।
डीआरडीओ की झांकी ‘भूमि, वायु, समुद्र, साइबर और अंतरिक्ष जैसे सभी 5 आयामों में रक्षा कवच प्रदान करके राष्ट्र की रक्षा करने में महिला शक्ति’ विषय पर आधारित थी। झांकी में रक्षा अनुसंधान एवं विकास में महिलाओं की भागीदारी को प्रमुखता से उजागर किया गया। झांकी में मैन पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल, एंटी-सैटेलाइट मिसाइल, अग्नि -5, सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल, बहुत कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली, नौसेना एंटी-शिप मिसाइल- शॉर्ट रेंज, एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल ‘हेलिना’, क्विक रिएक्शन सरफेस-टू-एयर मिसाइल एस्ट्रा, लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट ‘तेजस’, एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे रडार ‘उत्तम’, उन्नत इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम ‘शक्ति’, साइबर सुरक्षा सिस्टम, कमांड कंट्रोल सिस्टम और सेमी कंडक्टर फैब्रिकेशन सुविधा को भी शामिल किया गया।
भारतीय तटरक्षक दल (आईसीजी) का नेतृत्व सहायक कमांडेंट चुनौती शर्मा ने किया और उनके बाद गार्ड सहायक कमांडेंट स्तर की अधिकारी प्रिया दहिया, हार्दिक और पल्लवी थीं। 154 जहाजों और 78 विमानों के बेड़े के साथ आईसीजी समुद्र में खतरों का मुकाबला करने में सक्षम है। यह 4.6 मिलियन वर्ग किलोमीटर भारतीय खोज और बचाव क्षेत्र में समुद्री खोज और बचाव के समन्वय के लिए नोडल एजेंसी भी है। इसने अपनी स्थापना के बाद से समुद्र में लगभग 11,516 लोगों की जान बचाई है।
गणतंत्र दिवस 2024 समारोह के दौरान छह राफेल विमानों ने ‘मारुत’ फॉर्मेशन में कर्तव्य पथ पर उड़ान भरी। टैंगेल फॉर्मेशन में एक डकोटा विमान और दो डोर्नियर विमान ने ‘विक’ फॉर्मेशन में कर्तव्य पथ पर उड़ान भरी। टैंगेल फॉर्मेशन के दौरान डोर्नियर विमान स्क्वाड्रन लीडर निकिता मल्होत्रा ने उड़ाया, जिन्हें गणतंत्र दिवस पर वीरता के लिए वायुसेना पदक से सम्मानित किया गया है। समारोह के दौरान तीन सुखोई-30 विमानों ने वायुसेना के मार्चिंग दल के साथ कर्तव्य पथ पर आसमान में त्रिशूल बनाया। कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड का समापन करने के लिए एक राफेल विमान ने 900 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरी।
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