दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल गुरुवार को भी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश नहीं हुए। केजरीवाल का कहना है कि उन्हें राजनीतिक कारणों से परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कोई भ्रष्टाचार नहीं किया है। भाजपा उन्हें लोकसभा चुनाव से पहले जेल भेजने की साजिश रच रही है।
ईडी ने शराब घोटाला मामले में पूछताछ के लिए चौथी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को आज पेश होने के लिए नोटिस भेजा था। सूत्रों का कहना है कि केजरीवाल ने ईडी के नोटिस का लिखित में जवाब दिया है। इसमें उन्होंने कहा है कि राजनीतिक कारणों से परेशान किया जा रहा है। यह नोटिस भाजपा के दबाव में भेजा गया है। उन्होंने कोई घोटाला नहीं किया है। इसलिए वह ईडी के सामने पेश नहीं होंगे।
उल्लेखनीय है कि केजरीवाल को ईडी ने पेश होने के लिए पहले 02 नवंबर और 21 दिसंबर, 2023 और 03 जनवरी तथा आज (18 जनवरी) को पेश होने के लिए नोटिस दिया था। केजरीवाल का कहना है कि ये सभी नोटिस गैरकानूनी हैं।
क्या ED को है गिरफ्तारी का अधिकार?
कानून के जानकारों के अनुसार, केजरीवाल के बार-बार पेश नहीं होने पर ED उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी कर सकती है। उसके बाद भी पेश नहीं हुए तो धारा 45 के तहत गैर जमानती वारंट जारी कर सकती है।
PMLA के जानकार बताते हैं कि पेश नहीं हो पाने की ठोस वजह बताई जाती है तो ED समय दे सकती है। फिर दोबारा नोटिस जारी करती है। PMLA एक्ट में नोटिस की बार-बार अवहेलना पर गिरफ्तारी हो सकती है।
अगर CM केजरीवाल आगे पेश नहीं होते हैं तो जांच अधिकारी आवास पर जाकर पूछताछ कर सकते हैं। ठोस सबूत होने पर या सवालों के संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर उन्हें गिरफ्तार कर सकते हैं।
वहीं, केजरीवाल वारंट जारी होने के बाद कोर्ट जा सकते हैं और अपने एडवोकेट की मौजूदगी में जांच में सहयोग करने का वादा कर सकते हैं। इस पर कोर्ट ED को उन्हें गिरफ्तार नहीं करने का निर्देश दे सकती है।
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