नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को आंध्र प्रदेश में नीति आयोग की ताजा रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि हमारी सरकार के पिछले 9 वर्षों के दौरान करीब 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। कांग्रेस के गरीबी हटाओ के नारे पर कटाक्ष करते हुए मोदी ने कहा, “जिस देश में दशकों तक गरीबी हटाओ के नारे दिए जाते रहे, उस देश में सिर्फ 9 वर्ष में 25 करोड़ लोगों का गरीबी से बाहर निकलना ऐतिहासिक है।”
प्रधानमंत्री ने आंध्र प्रदेश के श्री सत्य साईं जिले के पलासमुद्रम में राष्ट्रीय सीमा शुल्क, अप्रत्यक्ष कर और नारकोटिक्स अकादमी (एनएसीआईएन) के नए परिसर का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि एनएसीआईएन का यह नया परिसर सुशासन के लिए नए आयाम बनाएगा और भारत में व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा देगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने पिछले 10 वर्षों में कर प्रणाली में बहुत बड़े सुधार किए, जिसके परिणामस्वरूप रिकॉर्ड कर संग्रह हुआ है। उन्होंने कहा, “पहले देश में भांति-भांति की टैक्स व्यवस्थाएं थीं, जो सामान्य नागरिक को जल्दी समझ में नहीं आती थीं। पारदर्शिता के अभाव में ईमानदार करदाता को, व्यापार से जुड़े लोगों को परेशान किया जाता था। हमने जीएसटी के रूप में देश को एक आधुनिक व्यवस्था दी।” उन्होंने आगे कहा, “सरकार ने आयकर प्रणाली को भी आसान बनाया। हमने देश में फेसलेस कर निर्धारण प्रणाली को शुरू किया। इन सारे सुधारों के कारण आज देश में रिकॉर्ड कर संग्रह हो रहा है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि अतीत में हमारे यहां प्रोजेक्ट्स को अटकाने, लटकाने और भटकाने की प्रवृत्ति रही है, जिस कारण से देश को बहुत नुकसान हुआ है। बीते 10 वर्षों में हमारी सरकार ने लागत का ध्यान रखा है और योजनाओं को समय पर पूरा करने पर जोर दिया है। पिछले 10 वर्षों में गरीब, किसान, महिला व युवा इन सबको हमने सशक्त किया है। हमारी योजनाओं के केंद्र में वही लोग सर्वोपरि रहे हैं, जो वंचित थे, शोषित थे, समाज के अंतिम पायदान पर खड़े थे।
प्रधानमंत्री ने अयोध्या के राम मंदिर में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा को लेकर कहा कि अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले मेरा 11 दिवसीय उपवास अनुष्ठान चल रहा है। ऐसे शुभ समय में यहां आकर भगवान का आशीर्वाद लेने से धन्य हो गया हूं। उन्होंने कहा कि आज कल पूरा देश राममय होकर रामभक्ति में सराबोर है लेकिन प्रभु श्रीराम का जीवन विस्तार, उनकी प्रेरणा, आस्था भक्ति के दायरे से कहीं ज्यादा है। प्रभु राम शासन के, सामाजिक जीवन में सुशासन के ऐसे प्रतीक हैं, जो आपके संस्थान के लिए भी बहुत बड़ी प्रेरणा बन सकते हैं।
उन्होंने एनएसीआईएन की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि एनएसीआईएन का रोल देश को एक आधुनिक पारिस्थितिकी तंत्र देने का है। एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र जो देश में व्यापार-कारोबार को आसान बना सके। भारत को वैश्विक व्यापार का अहम सहयोगी बनाने के लिए फ्रेंडली माहौल बना सके। टैक्स, कस्टम, नारकोटिक्स, जैसे विषयों के माध्यम से देश में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को प्रमोट करे और गलत प्रैक्टिस से सख्ती के साथ निपटे।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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