झारखंड में लव जिहाद और हत्या से जुड़े मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। बीते 10 दिनों में दुमका से दो ऐसे मामले उजागर हुए हैं जिसमें दो जनजातीय समाज की युवतियों की हत्या कर दी गई और दोनों मामले में गिरफ्तार होने वाले एक ही समुदाय से आते हैं।
पहला मामला दुमका के शिकारीपाड़ा का है। 9 जनवरी को शिकारीपाड़ा पुलिस ने शेखाउद्दीन उर्फ शेखा को 35 वर्षीय मरियम मरांडी की हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पता चला कि 12 दिसम्बर, 2023 को शेखाउद्दीन ने महज 70 हजार रुपए के लिए मरियम की निर्मम हत्या कर दी थी। हत्या से पहले तो उसके साथ मारपीट की गई थी उसके बाद जब वह बेहोश हो गई तो शेखा ने उस महिला के दोनों हाथ बांध कर रेल पटरी पर सुला दिया और तब तक पटरी किनारे पर बैठा रहा, जब तक रेलगाड़ी महिला के शरीर से पार नहीं हो गई।
इस घटना के एक सप्ताह के बाद महिला की पहचान पाकुड़ जिले के पाकुड़िया थाना क्षेत्र की मरियम मरांडी के रूप में हुई थी। पुलिस के अनुसंधान के क्रम में पता चला कि शेखाउद्दीन जमीन के कारोबार के सिलसिले में मरियम के गांव भी जाता था और वहीं पर वो मरियम के संपर्क में आया था। 12 दिसंबर को मरियम पाकुड़िया प्रखंड के गणपुरा पंचायत में सरकार आपके द्वार के शिविर में शामिल होने के लिए गई थी। उसके पास 70 हजार रुपये भी थे, जिससे वह अपने बेटे के लिए बाइक खरीदना चाहती थी। इन्हीं पैसों के लालच में शेखाउद्दीन ने मरियम की निर्मम हत्या कर दी।
शिकारीपाड़ा के थाना प्रभारी वकार हुसैन के अनुसार आरोपित को जेल भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि हादसे के तीन दिन बाद वह एक हादसे में घायल हो गया था। महिला से छीने 70 हजार में 45 हजार रुपये अपने इलाज पर खर्च कर दिए। आरोपित ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है।
दूसरी घटना भी दुमका की ही है। नगर थाना की पुलिस ने 2 जनवरी को पोखरा चौक के समीप बांधपाड़ा के एक लॉज से 28 साल की युवती कुमुदनी हांसदा का शव बरामद किया था। कुमुदिनी काठीकुंड थाना क्षेत्र के चंद्रपुरा गांव की रहने वाली थी। इस हत्या के आरोप में मोहम्मद चीकू और उसके तीन दोस्तों को गिरफ्तार किया गया है।
इस घटना के बारे में पता चला कि मोहम्मद चीकू अपने दोस्तों के साथ कुमुदिनी के किराए वाले मकान पर पिकनिक मनाने गया था। इसी बीच कुछ कहासुनी के बाद चीकू ने कुमुदिनी की बेरहमी से पिटाई की थी, जिससे वह अचेत हो गई थी। कमरे से निकलने के बाद चीकू ने मृतका की सहेली को बताया कि वह गिर गई है, उसे पानी पिला देना। जब सहेली पानी पिलाने गई तो उसकी मौत हो चुकी थी।
इस तरह की अनेक घटनाएं दुमका, पाकुड़, साहिबगंज आदि क्षेत्रों में घटती जा रही हैं, इसके बावजूद सरकार कुछ नहीं कर रही है। वर्ष 2022 में भी दुमका में अंकिता नाम की युवती पर शाहरुख नाम के लड़के ने पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दी थी जिससे उसकी मौत हो गई थी। इसके कुछ ही दिनों के बाद एक और जनजातीय महिला को अरमान अंसारी ने अपने प्रेम जाल में फांस कर महीनों तक शोषण किया और जब वह गर्भवती हो गई तो आत्महत्या का रूप देने के लिए उसे मार कर एक पेड़ पर टांग दिया था।
इस तरह की घटनाएं सिर्फ दुमका मे ही नहीं बल्कि उसके आसपास के जिले जैसे साहिबगंज, पाकुड़, लोहरदगा, खूंटी से भी अक्सर सुनने को मिल जाती हैं ।इन क्षेत्रों में जनजातीय समाज की बहुलता है। आश्चर्य की बात यह है कि दुमका और साहिबगंज को राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के गृह जिले के तौर पर भी देखा जाता है, क्योंकि हेमंत सोरेन खुद साहिबगंज के बरहेट से चुनाव लड़ते हैं और उनके भाई बसंत सोरेन दुमका से चुनाव लड़ते हैं। इसके बाद भी प्रशासन की ये लापरवाही कहीं न कहीं मुख्यमंत्री की कार्यशैली पर अनेक सवाल खड़े करती है।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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