महाराष्ट्र। शिवसेना के शिंदे गुट के विधायकों की अयोग्यता को लेकर फैसला आ गया है। महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने अपना फैसला सुना दिया है। उन्होंने शिंदे गुट के पक्ष में फैसला सुनाया। उन्होंने कहा कि शिंदे गुट के विधायक अयोग्य नहीं हैं। असली शिवसेना शिंदे गुट की है। उन्होंने असली पार्टी (शिवसेना) पर उद्धव के दावे को नकार दिया। उद्धव ठाकरे गुट को इससे बड़ा झटका लगा है।
राहुल नार्वेकर ने कहा कि शिवसेना का 1999 का संविधान ही मान्य है। 2018 का संविधान संशोधन चुनाव आयोग के रिकार्ड में नहीं है। चुनाव आयोग के रिकार्ड में भी असली शिवसेना शिंदे गुट ही है। चुनाव आयोग के फैसले को ध्यान में रखा गया है। मैं चुनाव आयोग के आदेश के परे नहीं जा सकता। चुनाव आयोग की वेबसाइट पर दी गई जानकारी को ही मान्यता दी गई है। एकनाथ शिंदे को हटाने का अधिकार उद्धव ठाकरे के पास नहीं था। शिंदे को पद से हटाने के लिए राष्ट्रीय कार्यकारिणी को फैसला लेना चाहिए था। हम शिंदे को विधायक दल के नेता के पद से नहीं हटा सकते। शिंदे को नेता पद से नहीं हटा सकते। शिंदे गुट के पास 37 विधायकों का बहुमत है।
इस फैसले के साथ ही एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री पद पर बरकरार रहेंगे, उन्हें इस्तीफा नहीं देना पड़ेगा। उद्धव ठाकरे गुट को इससे बड़ा झटका लगा है।
जून 2022 में शिवसेना दो फाड़ हुई थी। विधायकों की अयोग्यता को लेकर दोनों गुटों की ओर से सुप्रीम कोर्ट ने 34 याचिकाएं दायर की गईं। इन्हें 6 हिस्सों में बांटा गया, जिनमें से चार उद्धव ठाकरे गुट की और 2 शिंदे गुट की हैं। शिंदे गुट के साथ 39 विधायक थे, जबकि उद्धव गुट के साथ 14 विधायक।
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सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष को इस पर फैसला लेने का आदेश दिया था। इस पर विधानसभा अध्यक्ष अपना फैसला सुना रहे हैं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद दिया। बता दें कि इससे पहले पार्टी के चिह्न और नाम को लेकर शिंदे गुट के पक्ष में चुनाव आयोग ने फैसला सुनाया था।
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