चीन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ देखना—सुनना आजकल सुखद हैरानी दे जाता है। अभी पिछले दिनों चीन के शोधार्थियों का एक दल वर्धा के महात्मा गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय में एक सेमिनार में भाग लेने के बाद नागपुर में संघ मुख्यालय में स्थित डॉ. हेडगेवार के स्मारक स्मृति मंदिर और डॉ. आंबेडकर की स्मृति में बनी दीक्षा भूमि के दर्शन करने गया था।
भारत को लेकर चीन के आम नागरिकों में एक अलग सी उत्सुकता दिख रही है। यह उत्सुकता उस भारत को जानने—समझने की है, जो आज दुनिया में अपना डंका बजा रहा है। चीन का अखबार ग्लोबल टाइम्स भी अगर ऐसे तेजी से बढ़ते भारत और इसके नेता की तारीफ करें तो यह स्वाभाविक ही है।
चीन के मीडिया में आज के दौर में भारत की दिल खोलकर तारीफ किया जाना इसलिए आश्चर्य जगाता है क्योंकि राजनयिक स्तर पर चीन ने गलवान के बाद से भारत से दुश्मनी का भाव पाला हुआ है और हर मंच पर भारत विरोध का एजेंडा अपनाता है। लेकिन चीन का मीडिया आज भारत को एक दमदार देश मानता है।
सबसे ज्यादा हैरानी की बात तो यह है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ कर रहा खुद वह ग्लोबल टाइम्स कर रहा है जिसे चीनी सरकार का भोंपू बोला जाता है। सरकारी मीडिया में प्रमुख बताया जाता है। इस अखबार ने छापा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में भारत अर्थ और विदेश नीति में एक बड़े सकारात्मक बदलाव का साक्षी बना है। यह देश बहुत तेजी से प्रगति कर रहा है।
भारत की ऐसी तारीफ सिर्फ धुर विरोधी चीन में ही नहीं हो रही है, बल्कि भारत से दुश्मनी पाले बैठे पाकिस्तान के मीडिया में भी भारत की सकारात्मक छवि दिखाई दी है। पाकिस्तान का मीडिया भारत को दमदार देश के रूप में प्रस्तुत कर चुका है। मीडिया ने लिखा था कि जहां यूक्रेन के विषय पर अमेरिका और रूस में तलवारें खिंची हैं वहीं भारत इन दोनों देशों के साथ मधुर संबंध बनाए हुए है, यह भारत की शानदार कूटनीति का ही परिचायक है। आज भारत एक वैश्विक शक्ति बन चुका है।
अभी 4 दिन पहले, यानी 2 जनवरी के अंक में ग्लोबल टाइम्स ने फूदान विश्वविद्यालय के दक्षिण एशिया अध्ययन केन्द्र में निदेशक झांग ज्यादोंग का एक लेख प्रकाशित हुआ है। इस लेख में ज्यादोंग लिखते हैं कि रणनीतिक रूप से आज भारत अधिक विश्वास से भरा दिखता है। यह अपने विमर्श ‘नया भारत’ को दमदारी के साथ आगे ले जा रहा है।
ज्यादोंग आगे लिखते हैं-भारत पूरे भरोसे के साथ प्रगति कर रहा है। आज भारत दुनिया की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण देश बना है। भारत वैश्किव व्यापार, संस्कृति, अर्थजगत, राजनीति सहित अनेक क्षेत्रों में बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। वे कहते हैं कि गत 10 वर्ष में नरेन्द्र मोदी की अगुआई में भारत सरकार सभी क्षेत्रों में पहले से कहीं अच्छा नजरिया प्रस्तुत कर रही है।
ग्लोबल टाइम्स को चीन में काफी दिलचस्पी से पढ़ा जाता है क्योंकि यह सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार की नीतियों को दर्शाता है और सरकारी मीडिया का एक प्रमुख अंग माना जाता है। इसमें लेख छपने का अर्थ है उसकी कम्युनिस्ट नेताओं तक पहुंच। ज्यादोंग ने लेख में बताया है कि वह गत दिनों दूसरी बार भारत के दौरे पर आए थे। इससे पहले वह 4 साल पहले भारत आए थे। तबसे आज में एक बड़ा बदलाव उन्हें दिखा है। उन्होंने देखा कि इस अंतराल में भारत की घरेलू तथा विदेश नीति बहुत परिवर्तन आया है। भारत आर्थिक विकास तथा सामाजिक शासन में बहुत बढ़िया नतीजों से साथ उभर रहा है। भारत की रणनीति अपने सपने नहीं रही, बल्कि उसे वास्तविकता के धरातल पर उतारा जा रहा है।
और भारत की ऐसी तारीफ सिर्फ धुर विरोधी चीन में ही नहीं हो रही है, बल्कि भारत से दुश्मनी पाले बैठे पाकिस्तान के मीडिया में भी भारत की सकारात्मक छवि दिखाई दी है। पाकिस्तान का मीडिया भारत को दमदार देश के रूप में प्रस्तुत कर चुका है। मीडिया ने लिखा था कि जहां यूक्रेन के विषय पर अमेरिका और रूस में तलवारें खिंची हैं वहीं भारत इन दोनों देशों के साथ मधुर संबंध बनाए हुए है, यह भारत की शानदार कूटनीति का ही परिचायक है। आज भारत एक वैश्विक शक्ति बन चुका है।
पाकिस्तान के एक वरिष्ठ विश्लेषक शहजाद चौधरी ने तो यहां तक लिखा कि आजादी के बाद भारत ने अपनी विदेश नीति को स्वतंत्र ही रखा है और इसमें पहले देश का हित देखा है। आज का भारत खेती तथा आईटी के क्षेत्र में विश्व शक्ति बन गया है। इतनी बड़ी आबादी के बाद भी भारत बहुत कामयाब देश है, जहां का लोकतंत्र गजब का है।
भारत के प्रधानमंत्री मोदी के ‘मित्र’ राष्ट्रपति पुतिन ही मोदी के नेतृत्व की तारीफ नहीं करते रहे हैं, बल्कि उनका देश रूस भी अनेक अवसरों भारत की खुलकर प्रशंसा करता रहा है। रूसी राष्ट्रपति ने अभी हाल में एक बड़े कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी की शान में कसीदे काढ़े थे। उनका कहना था कि रूस और भारत के रिश्तों की गारंटी तो खुद प्रधानमंत्री मोदी ही हैं। मोदी को अपने देश के हितों के उलट फैसले लेने के लिए न डराया जा सकता है, न ही मजबूर किया जा सकता है।
राष्ट्रपति पुतिन ने खुलकर कहा था कि राष्ट्रीय हित के प्रश्न पर प्रधानमंत्री मोदी के कड़े रुख की प्रशंसा की जाती है। वे तो सोच भी नहीं सकते कि मोदी को किसी डर या मजबूरी के बहाने देश हित के विरुद्ध कोई फैसला लेने के लिए मनाया जा सकता है। वे भारत तथा भारत के लोगों के हित का सदैव ध्यान रखते हैं।
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