कोलकाता। कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय ने संदेशखाली में ईडी अधिकारियों पर ”हमले” के बारे में खुलकर बात की। वकील सुदीप्त दासगुप्ता ने शुक्रवार को इस मामले पर जज का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने जज के सामने पूरी घटना बताई। इसके बाद जस्टिस गंगोपाध्याय ने कहा, ”राज्यपाल यह घोषणा क्यों नहीं कर रहे हैं कि राज्य में संवैधानिक ढांचा ध्वस्त हो गया है?” इस संबंध में जज ने आगे कहा, ”अगर जांच एजेंसी पर हमला हुआ तो जांच कैसे होगी?”
संदेशखाली घटना को लेकर केंद्र के डिप्टी सॉलिसिटर जनरल को संबोधित करते हुए जस्टिस गंगोपाध्याय ने कहा, ””मैंने सुना है कि आपके लोग पीटे गए हैं। आप क्या कर रहे थे उनके पास बंदूकें नहीं हैं? गाड़ी नहीं चला सकते?” इसके बाद वकील ने कहा कि ईडी अधिकारियों पर हमले हुए हैं। दो लोग घायल हो गये हैं। जज ने फिर कहा, “दो अधिकारी पीटे गए हैं तो दो सौ भेजो।”
हालांकि, तृणमूल ने न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय की टिप्पणियों के लिए उनकी आलोचना की। पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, ””न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय की टिप्पणियां आपत्तिजनक और मर्यादा से बाहर हैं। वह जज की कुर्सी का अपमान कर रहे हैं। उन्हें नौकरी छोड़कर राजनीति में आना चाहिए। मुख्य न्यायाधीश को उन्हें चेतावनी देनी चाहिए।”
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