खाड़ी देश कतर में इजरायल के लिए जासूसी के आरोप में फांसी की सजा पाए नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों को लेकर बड़ी ही सुखद खबर आई। भारत सरकार की कूटनीति का असर ये हुआ कि इन आठों अधिकारियों की मौत की सजा पर रोक लगा दी गई है। कतर सरकार के इस फैसले के बाद अब उम्मीद जगी है कि जल्द ही इन अधिकारियों की सुरक्षित घर वापसी होगी।
कतर में भारतीयों की फांसी पर रोक लगने पर विदेशी मामलों के विशेषज्ञ सुशांत सरीन इसकी तारीफ करते हुए इसे भारत सरकार की कूटनीतिक की जीत करार दिया है। सरीन ने कहा कि कतर को ये बात अच्छी तरह से पता थी कि अगर वो भारत के पूर्व अधिकारियों को सजा देता तो ये भारत के साथ उसके समझौते के खिलाफ होता। इसके साथ ही भारत सरकार ने भी कतर की न्यायिक व्यवस्था का सम्मान करते हुए कूटनीति का इस्तेमाल किया है।
समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में सरीन ने कहा, “मैं समझता हूं कि जीत भारत सरकार की कूटनीति की जीत है। भारत सरकार ने राजनीतिक और कूटनीतिक ताकत का इस्तेमाल करते हुए कतर सरकार से बैकडोर बातचीत की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और हमारा दूतावास इस बातचीत में डायरेक्टली शामिल रहे, लेकिन उन्होंने इस बातचीत को मीडिया में लीक नहीं होने दिया।”
इसे भी पढ़ें: BREAKING: अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप को प्राथमिक मतदान से किया गया डिस्क्वालिफाई, नहीं कर पाएंगे मतदान
सरीन के मुताबिक, कतर को ये बात अच्छे से पता थी कि अगर इन आठ अधिकारियों को फांसी दी गई तो भारत और कतर के संबंध प्रभावित होंगे। ऐसे में वो खुद भी इन अधिकारियों को सजा नहीं देना चाहता था। 8 नौसैनिकों के बचने के पीछे सबसे खास वजह यह रही कि भारत सरकार ने कूटनीति और न्यायिक व्यवस्था दोनों को एक साथ चलाया। सामान्यतया देखा जाता था सरकारें न्यायिक व्यवस्था के भरोसे सब कुछ छोड़ देती थीं, लेकिन इस सरकार ने दोनों को साथ-साथ रखा। अब भारत सरकार की कोशिश इन अधिकारियों को देश वापस लाने की होगी।
भारत और कतर के बीच क्या है समझौता
गौरतलब है कि भारत और कतर के बीच साल 2014 में एक समझौता हुआ था, जिसके तहत दोनों देशों के बीच इस बात के लिए सहमति बनी थी कि दोनों देश अपनी-अपनी जेलों में बंद कैदियों को उनके देश में बाकी की सजा पूरी करने के लिए भेजेंगे। ऐसे में इन नौसैनिकों की जल्द वापसी की उम्मीद की जा रही है।
टिप्पणियाँ