उत्तराखंड के देहरादून स्थित विकासनगर परगना क्षेत्र में ढकरानी में मार्च माह में धामी सरकार के बुल्डोजर ने अरबों रुपए की सरकारी जमीन खाली करवाई थी, जो कि धामी सरकार की अतिक्रमण के खिलाफ ये पहली बड़ी कारवाई थी। इसका दूसरा चरण शुरू होना था लेकिन चार माह बीत जाने के बाद भी ये अभियान शुरू नही हो सका है। वर्तमान स्थिति ये है कि जिनसे सरकारी जमीन खाली करवाई थी वो फिर आकर कब्जे करने लगे है।
कुल्हाल क्षेत्र में दूसरे फेज का अतिक्रमण हटाया जाना मार्च से लंबित पड़ा हुआ है, जबकि अवैध कब्जेदारों को विभागीय नोटिस भी दिए जा चुके हैं। उत्तराखंड और हिमाचल से लगी सीमा पर डाकपथर से एक शक्ति नहर जाती है, जिसका पानी आसन बैराज से होते हुए जल विद्युत परियोजना में काम में लिया जाता है। इस नहर के दोनों तरफ सैकड़ो की संख्या में अवैध कब्जे हो गए हैं, बड़े-बड़े पक्के मकान मस्जिदें, मदरसे और मजारों को यहां बनाया गया है। धामी सरकार ने इन कब्जों को हटाने के लिए बुल्डोजर चलाया और पहले चरण में आठ सौ से ज्यादा पक्के निर्माण ध्वस्त कर अरबों रुपए की सरकारी जमीन मुक्त करवाई थी।
यूजेवीएन लिमिटेड द्वारा अवैध कब्जेदारों को दो साल से नोटिस दिए जा रहे थे, लेकिन अतिक्रमणकारी हटने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। फिलहाल शक्ति नहर का मरम्मत किया जा रहा था, जिस कारण से यहां अब तक अतिक्रमणकारियों को हटाने का अभियान सस्ते बस्ते में पड़ा था। उम्मीद थी की नहर के मरम्मत के बाद इस पर काम शुरू होगा, लेकिन दो माह बीतने के बाद भी अतिक्रमण विरोधी अभियान शुरू नही हुआ।
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प्राप्त जानकारी के मुताबिक, जिन अवैध कब्जेदारो को हटाया गया वो फिर आकर बस रहे हैं, इस मामले में जल विद्युत विभाग ने कुछ अतिक्रमणकारियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवाई है। पहले चरण के अभियान में पुलिस प्रशासन ने मदरसे और मस्जिदों के प्रबंधन को मौखिक रूप से खुद अतिक्रमण हटाने कहा था, लेकिन ढाक के तीन पात पुलिस की इस चेतावनी का कोई असर नहीं हुआ। ये इमारतें अभी वैसी की वैसी ही खड़ी हुई हैं। कुल्हाल क्षेत्र में अभी भी छ सौ से ज्यादा पक्के निर्माण हैं, जिन्हें हटाया जाना है। उत्तराखंड जलविद्युत विभाग का कहना है कि उन्हें पुलिस प्रशासन के सहयोग की जरूरत है। हम अपनी भूमि खाली करवा लेंगे।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार इस क्षेत्र में नहर के किनारे सोलर प्रोजेक्ट को लाना चाहती है और इसके लिए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में भी निजी निवेशकों ने दिलचस्पी दिखलाई थी। गौरतलब है कि उत्तराखंड में बाहरी राज्यों के मुसलमान अतिक्रमण फैला रहे हैं। सहारनपुर,मुजफ्फरनगर,शामली बेहट आदि क्षेत्रों से आए लोगो ने यहां नहर बनाने के काम में मजदूरी की और फिर यहीं कब्जे कर अवैध रूप से बस गए। यहीं नहीं वक्त के साथ अपने रिश्तेदारों को भी यहीं बुलाकर बसा लिया।
कब्जा मुक्त करवाएंगे जमीन
देहरादून के पछुवा में अतिक्रमण पर राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि वो हर हाल में कब्जा की गई जमीनों को अतिक्रमण मुक्त करवाएंगे। इसके लिए देहरादून के जिलाधिकारी को निर्देश दिए जा चुके हैं। यहां हमारी योजना सोलर प्रोजेक्ट ला कर विद्युत उत्पादन करने की है।
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