विश्व के विख्यात आर्थिक संगठन आईएमएफ ने भारत की तारीफों के पुल बांधते हुए इसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बताया है। इतना ही नहीं, अर्थ क्षेत्र में भारत के उल्लेखनीय योगदान को देखते हुए इस संगठन ने भारत को स्टार परफॉर्मर बताया है।
आईएमएफ ने भारत की अर्थ नीतियों की खुलकर प्रशंसा की है और कहा है कि भारत इस साल दुनिया की सबसे तेज बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनने जा रहा है। इस वैश्विक संगठन का कहना है कि भारत की मोदी सरकार ने अनेक प्रकार के संरचना आधारित सुधार किए हैं, इन सुधारों में सबसे खास है डिजिटलीकरण। इस आयाम पर पिछले कुछ साल में इतना अधिक काम हुआ है कि इससे आने वाले वक्त में उत्पादकता और विकास में बढ़ोतरी देखने में आएगी।
आईएमएफ यानी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष भारत द्वारा अर्थ जगत में भारत के प्रदर्शन को दुनिया में बेजोड़ बता रहा है ता बेशक इसके पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार की चुस्त नीतियां ही हैं। ऐसे वक्त में जब विश्व की अनेक प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं चरमरा रही हों, भारत का वैश्विक अर्थ विकास में 16 प्रतिशत का हिस्सा होने का अनुमान लगना कोई छोटी बात नहीं है। यही वजह है कि आईएमएफ ने भारत को ‘स्टार परफॉर्मर’ कहकर प्रशंसा की है।
दरअसल आईएमएफ पिछले कुछ समय से भारत वृद्धि दर को मजबूती के साथ बढ़ते देख रहा है। लेकिन वह यह भी देख रहा है कि दूसरे देश असल विकास की दृष्टि से भारत से कहीं पीछे हैं तो यह चीज साबित करती है कि भारत सबसे तेजी से उभरते बाजारों में से एक बन रहा है। इसलिए भारत को ऐसी अर्थव्यवस्था माना गया है जो इस वर्ष वैश्विक विकास में 16 प्रतिशत से ज्यादा का सहयोग देगा।
अभी दो दिन पहले ही अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारत के संदर्भ में एक प्रपत्र जारी किया है। इसमें भारत की आर्थिक नीतियों को ऐसा बताया गया है कि भारत इस वर्ष दुनिया की सबसे तेज बढ़तीं प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनता दिखाई दे रहा है। आईएमएफ को पता है कि जहां दुनिया के बड़े देशों की अर्थव्यवस्थाएं डगमगा रही हैं वहीं भारत वैश्विक चुनौतियों से पार पाते हुए अपना विकास जारी रख पा रहा है और इसमें तेजी ही आ रही है।
विश्व के प्रमुख देशों में मंदी के पीछे वजह दुनिया में विभिन्न क्षेत्रों में चल रहा तनाव बताया जाता है। लेकिन भारत बुनियादी ढांचे को विकसित करते हुए ठोस आधार के लिए जरूरी काम करने पर जोर दे रहा है। प्रधानमंत्री मोदी का युवाओं को आगे बढ़ने का आह्वान इसमें खास भूमिका निभा रहा है। आईएमएफ ने कहा भी कि भारत में युवाओं की एक बहुत बड़ी संख्या है। इसलिए अगर संरचनात्मक सुधार करते हुए इस योग्यता का सदुपयोग किया जाए तो इससे विकास की दर और मजबूत होगी। इसके लिए मोदी सरकार द्वारा किए गए डिजिटलीकरण जैसे सुधार महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। गत वर्षों में इस दिशा काफी प्रयास किया गया है।
रोजगार की बात करें तो यह महामारी से पहले वाले स्तर से भी आगे है। भारत का वित्तीय क्षेत्र विश्व भर में दिखे वित्तीय संकट से बहुत हद तक असरहीन रहा। वैश्विक स्तर पर भी भारत ने इस साल जी-20 की अध्यक्षता करते हुए बहुपक्षीय नीतियों को प्राथमिकता के साथ आगे बढ़ाने में विशेष भूमिका निभाई है।
आईएमएफ की वार्षिक रिपोर्ट कहती भी है कि नीतिगत प्राथमिकताएं राजकोष को भरने, मूल्यों में स्थिरता लाने, वित्तीय स्थिरता बनाए रखने तथा ऋण स्थिरता बनाए रखने में महत्वपूर्ण होती हैं। रिपोर्ट बताती है कि भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व के विकास को आगे बढ़ाए रखने के लिए महामारी से दमदार तरीके से उबरी है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि रोजगार की बात करें तो यह महामारी से पहले वाले स्तर से भी आगे है। भारत का वित्तीय क्षेत्र विश्व भर में दिखे वित्तीय संकट से बहुत हद तक असरहीन रहा। वैश्विक स्तर पर भी भारत ने इस साल जी-20 की अध्यक्षता करते हुए बहुपक्षीय नीतियों को प्राथमिकता के साथ आगे बढ़ाने में विशेष भूमिका निभाई है।
रिपोर्ट कहती है कि व्यापक सुधारों को लागू किया जाएगा भारत में अतिरिक्त श्रम और मानव पूंजी के बूते विकास का उच्च स्तर पाने की क्षमता है। भारत का सेवा निर्यात दस साल के उच्च स्तर पर पहुंचा है जिससे शुद्ध निर्यात बढ़ा है।
आईएमएफ का ही कहना है कि वित्त वर्ष 2022-23 में जीडीपी वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत तक पहुंची है। आईएमएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि निवेश तथा वृद्धि के लिए राजनीतिक स्थिरता बहुत मायने रखती है। भारत में पिछले दस वर्ष से जिस प्रक्रार्र की स्थिरता और सोच दिखती है, वह विकास में सहायक ही रही है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का मानना है कि वर्तमान वित्त वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर मजबूत बनी रहेगी। देश में आर्थिक और वित्तीय स्थिरता इस वृद्धि दर को बढ़ाने में सहायक होंगे।
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