वाराणसी। ज्ञानवापी – श्रृंगार गौरी मामले में एएसआई ने सोमवार को जिला जज की अदालत में रिपोर्ट दाखिल कर दी। सील बंद सर्वे रिपोर्ट जज को सौंप दी गई। जिला जज की ओर से मिले एक सप्ताह का समय आज पूरा हो गया था। एएसआई की टीम रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए पहले भी पांच बार समय मांग चुकी थी। सील बंद लिफाफे को 21 दिसंबर को खोला जाएगा। हिंदू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने बताया कि 21 तारीख को सभी पक्षकारों को सर्वे रिपोर्ट दी जाएगी। करीब 500 पन्नों की रिपोर्ट दाखिल की गई है। एएसआई सर्वे के दौरान ज्ञानवापी परिसर में तमाम साक्ष्य मिले हैं। खंडित मूर्तियां, मिट्टी, दीवारों से लिए गए चूना – पेंट, कलाकृतियों को जिलाधिकारी के निगरानी में लॉकर में रखा गया है।
16 मई को चार वादिनियों के द्वारा एएसआई सर्वे की मांग जिला जज के अदालत में वाद दाखिल कर की गई थी । जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने 21 जुलाई 2023 को ज्ञानवापी परिसर में सील वजूखाने को छोड़कर बाकी सभी स्थानों और तहखाने के सर्वे का आदेश दिया था। सर्वे रिपोर्ट पेश करने से पहले मुस्लिम पक्ष ने भी एक प्रार्थना पत्र दाखिल किया। मुस्लिम पक्ष की ओर से मांग की गई कि सील बंद लिफाफे में रिपोर्ट पेश किया जाए। बिना हलफनामे के किसी को भी रिपोर्ट सार्वजनिक करने की इजाजत न मिले।
24 जुलाई को सर्वे का कार्य शुरू किया गया था। इसी दिन मुस्लिम पक्ष सर्वे का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे पर रोक लगा दी थी। बाद में सुप्रीम कोर्ट और इलाहाबाद कोर्ट से सर्वे कराने की अनुमति मिल गई थी। 4 अगस्त को सर्वे शुरू हुआ, जो 16 नवंबर तक चला। सर्वे के दौरान जीपीआर यानी ग्राउंड पेनिट्रेडिंग रडार सिस्टम से हैदराबाद की टीम ने सर्वे किया। जिसकी रिपोर्ट आने में भी समय लगा। परिसर के सर्वे के दौरान फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी कराई गई है। दीवारों की प्राचीनता, मिट्टी, खंडित मूर्तियों के अवशेष, तहखानों का वैज्ञानिक परीक्षण किया गया है।
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