अभाविप का ‘आर्गेनिक प्रोडक्ट’ बताते हुए अमित शाह ने कहा कि अभाविप के राजकोट अधिवेशन में मैं पंडाल के अंत में बैठा था। आज इस अधिवेशन में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हूं। इससे जो गौरव अनुभव कर रहा हूं,
अधिवेशन के उद्घाटन अवसर पर स्वयं को अभाविप का ‘आर्गेनिक प्रोडक्ट’ बताते हुए अमित शाह ने कहा कि अभाविप के राजकोट अधिवेशन में मैं पंडाल के अंत में बैठा था। आज इस अधिवेशन में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हूं। इससे जो गौरव अनुभव कर रहा हूं, उसे शब्दों में बता पाना मुश्किल है।
अपनी स्थापना के अमृतवर्ष पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का 69वां राष्ट्रीय अधिवेशन भारत की ठाठें मारती राष्ट्रप्रेमी युवा शक्ति का जीवंत चित्र बन गया। 60,000 से अधिक छात्र-छात्राओं के इस अधिवेशन ने विद्यार्थी परिषद की संगठनात्मक, अनुशासनात्मक, ज्ञान और रचनात्मक सुदृढ़ता का परिचय दिया
अभाविप की व्यवस्था इतनी मजबूत है कि वह न तो खुद रास्ता भटक सकती है और न ही सरकार-समाज को भटकने देती है। संघ के पूर्व सहसरकार्यवाह एवं अभाविप के पूर्व राष्ट्रीय संगठन मंत्री स्वर्गीय मदनदास देवी की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि स्वर्गीय मदन दास देवी ने छोटे-छोटे कार्यकर्ताओं को राह दिखाने का कार्य किया।
प्रो. यशवंत राव केलकर, बाल आप्टे, दत्ता जी डिडोलकर, नारायण राव भंडारी जैसे लोगों ने देशभर के छात्रों को अभाविप से जोड़ा। देश के हर क्षेत्र में अभाविप की सुगंध मिलेगी और जो भी श्रेष्ठ कर रहा है, वह कहीं न कहीं अभाविप से जुड़ा है। अभाविप के प्रकल्पों ने कश्मीर, उत्तर-पूर्व सहित अन्य क्षेत्रों को जोड़ा है।
गृहमंत्री शाह ने कहा कि अब ऐसा समय है, जब संघर्ष नहीं, बल्कि काम करने की आवश्यकता है। युवाओं की ऊर्जा को रचनात्मक उपयोग करके राष्ट्र को पूर्ण विकसित करने के लिए कार्य करना होगा। अभाविप के कार्यकर्ताओं को यह संकल्प लेना चाहिए कि 2047 में जब देश अपनी स्वतंत्रता की शताब्दी मनाएगा, उस समय भारत हर क्षेत्र में प्रथम और विश्व में सबसे आगे होगा।
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