सहारनपुर। उत्तराखंड और यूपी की सीमा के जंगलों में रहने वाले वन गुर्जर एक बार फिर संदेह के घेरे में आ गए हैं। जंगल में एक बम फट जाने से एक बच्चे की मौत हो गई है, ये बम वन गुर्जर के बच्चे के पास कैसे और कहां से आया ये बड़ा सवाल है, हालंकि पुलिस ने वन गुर्जर परिवार की बताई कहानी पर भले ही विश्वास कर लिया हो लेकिन ये मामला बेहद गंभीर बताया जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक हादसा बुधवार की सुबह लगभग 6 बजे गांव शाहपुर गाड़ा में गांव ड़ाड़ल-हिंदूवाला मार्ग पर रह रहे वन गुर्जरों के डेरे पर हुआ। वन गुर्जरों के मुताबिक सेना की फायरिंग के दौरान छूटे बम कई बार जंगल में पड़े मिलते हैं। ऐसे ही एक मिस बम को मंगलवार सुबह हनीफ पुत्र तालिब शिवालिक के जंगल से ले आया था। बम से पीतल निकालने के लालच में बुधवार सुबह बम को तोड़ा तो बहुत जोर से धमाका हुआ और बच्चे के शरीर के चीथड़े उड़ गए। धमाका इतना जबरदस्त था कि उनके घर में बंधी भैंस भी घायल हो गई। धमाके की आवाज सुनकर आस पड़ोस के लोग भी इकट्ठे हो गए।
धमाके की जानकारी किसी ने पुलिस तक पहुंचाई जिसके बाद सूचना पर एसडीएम दीपक कुमार, सीओ शशिकांत शर्मा अपनी फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे उन्होंने वन गुर्जरों से बात की। सीओ शशिकांत शर्मा के अनुसार, इस घटना की जांच पड़ताल की जा रही है, वन विभाग, सेना के अधिकारियों के साथ जानकारी साझा की जा रही है।
संदेह की बात ये है कि यहां आसपास सेना की कोई एक्सरसाइज नहीं होती है और यदि कभी हुई भी है तो सेना के जवान जंगल में बम क्यों छोड़ कर चले जायेंगे? ये भी सवाल है कि यदि किसी को बम मिला भी तो वन गुर्जर परिवार ने इसकी खबर पुलिस को क्यों नहीं दी।
उल्लेखनीय है कि यूपी और उत्तराखंड में वन गुर्जरों की गतिविधियों के बारे में पिछले कुछ समय से संदेहजनक मामले सामने आ रहे हैं।पहले ये वन गुर्जर जंगल के रखवाले माने जाते रहे थे और मांस आदि से दूर रहते थे लेकिन अब इनकी नई पीढ़ी अवैध गतिविधियों का सहारा ले रही है। इनमे वन सम्पदा की तस्करी, वन्य जीवों की हत्या और फिर उनकी खालों हड्डियों की तस्करी में भी इनकी गिरफ्तारियां हुई है। वनकट्टरपंथी जमीयत के लोग वन गुर्जरों के बीच पहुंच गए हैं और उन्हें गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। बम विस्फोट की इस घटना को सहारनपुर पुलिस ने गंभीरता से लिया है और इसकी बारीकी से जांच पड़ताल की जा रही है।
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