झारखंड में भूमि घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने जांच का दायरा बढ़ाते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को प्रवर्तन आज पूछताछ के लिए तलब किया है।
इस बात का खुलासा सूत्रों के हवाले से समाचार एजेंसी एएनआई ने किया है।
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कईयों की संपत्तियों को कुर्क कर चुकी है ईडी
गौरतलब है कि रांची भूमि घोटाला के मामले में जांच एजेंसी अब तक 14 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। इस केस में सितंबर में बड़ी कार्रवाई करते हुए ईडी ने विष्णु अग्रवाल से जुड़ी तीन संपत्तियों को अस्थाई तौर पर अटैच कर लिया था, जिसमें चेशायर होम रोड की एक एकड़ जमीन के अलावा पुगड़ू व सिरमटोली की जमीन शामिल थीं। इन तीनों जमीनों की कीमत 161.64 करोड़ रुपए आंकी गई थी।
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आरोप ये है कि आरोपियों ने सरकारी अधिकारियों के साथ साठगांठ करके भू-माफियाओं के पक्ष में फर्जी तरीके से इन भू-खंडों का म्यूटेशन किया था। इस केस की जांच ईडी ने आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत प्रदीप बागची, विष्णु कुमार अग्रवाल, भानु प्रताप प्रसाद और अन्य के खिलाफ झारखंड पुलिस और पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा दर्ज कई एफआईआर के आधार पर तीन भूमि घोटाले मामलों में जांच शुरू की थी।
मामले में जिन 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है उनमें प्रदीप बागची, अफसर अली, सद्दाम हुसैन, इम्तियाज अहमद, तल्हा खान, फैयाज खान, भानु प्रताप प्रसाद, छवि रंजन, आईएएस (पूर्व डीसी रांची), दिलीप कुमार घोष, अमित कुमार अग्रवाल, विष्णु कुमार अग्रवाल शामिल हैं। वहीं भूमि घोटाले के मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी अब तक 236 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्तियों को कुर्क कर चुकी है।
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प्रवर्तन निदेशालय ने इन्वेस्टिगेशन के बाद खुलासा किया था कि सरकारी अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके भू माफिया प्रदेश में जमीनों का मालिकाना हक बदलने का गोरखधंधा कर रहे थे।
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