गत दिनों अमृतसर एयरपोर्ट से पकड़े गए आतंकी परमजीत सिंह उर्फ पंजाब सिंह ढाडी ने पूछताछ में कई खुलासे किए हैं। वह आतंकी लखबीर सिंह रोडे के लिए काम कर रहा था। ढाडी ने पूछताछ में खुलासा किया है कि वह इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन और खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के लिए दुनिया भर से फंड इकट्ठा करता था। वह आईएसवाईएफ व केएलएफ के लिए भर्ती करने भारत आया था। वह आईएसवाइएफ के गठन के समय से ही इससे जुड़ा है। इस संगठन को लखबीर सिंह रोडे लीड करता था। भारत समेत दुनिया के अलग-अलग देशों में आईएसवाईएफ का नेटवर्क स्थापित करने में भी ढाडी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
परमजीत सिंह जाली कागजात तैयार कर और नाम पंजाब सिंह बदल रखकर विदेश भागने की फिराक में था। अपने संगठन के नेटवर्क के माध्यम से ही उसने अपनी पहचान के जाली दस्तावेज तैयार करवाए थे। पता चला है कि पंजाब में परमजीत सिंह के नेटवर्क के 50 के करीब लोग हैं, जिनका पता लगाने के लिए जांच की जा रही है।
परमजीत सिंह इस समय एक ब्रिटिश नागरिक है। वह 1990 के दशक की शुरुआत में पंजाब में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल था और बाद में उसे वर्ष 2003 में गिरफ्तार किया गया था और उसे अलग-अलग सबूतों के आधार पर आतंकवादी गतिविधियों से संबंधित मामलों में दोषी ठहराया गया था। अपनी सजा पूरी करने के बाद आरोपी यूके चला गया था। इसके बाद वह भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देते हुए संगठन के लिए फंड जुटाने लगा।
इस फंड को हवाला के माध्यम से एक से दूसरे देश में पहुंचाने की जिम्मेदारी भी परमजीत सिंह ढाडी की थी। ढाडी को वर्ष 2021 में संगठन ने भारत में रहने वाले वीवीआईपी को टारगेट करने और विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम देने के ब्लूप्रिंट तैयार करने की जिम्मेदारी दी थी। वह हमेशा लखबीर सिंह रोडे के संपर्क में रहता था। पंजाब में आतंकी फंडिंग और अन्य विध्वंसक गतिविधियों में ढाडी की संलिप्तता के बाद उसके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) जारी किया गया था।
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