मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सहकारिता हो या अन्य कोई क्षेत्र, यदि उसमें माफिया हावी होंगे तो विकास बाधित कर देंगे, आमजन को तबाह कर देंगे। उत्तर प्रदेश में 2017 से पहले यही होता था। पर, आज उत्तर प्रदेश में माफिया गिरोहों पर शिकंजा कस दिया गया तो न केवल प्रदेश के प्रति लोगों की धारणा बदली है, बल्कि विकास के बड़े-बड़े कार्य हो रहे हैं और लोगों की आय बढ़ रही है।
सीएम योगी शनिवार को गोरखपुर के नथमलपुर में जिला सहकारी फेडरेशन (डीसीएफ) लिमिटेड के नवनिर्मित व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स का लोकार्पण करने के बाद यहां आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि एक लंबे दौर तक गैंगवार के कारण गोरखपुरवासियों पर पहचान का संकट था। यहां उद्यमी निवेश नहीं करना चाहते थे, बैंक युवाओं को लोन नहीं देते थे। विकास के बड़े कार्य नहीं होते थे। अगर विकास की कोई बड़ी परियोजना आ भी गई तो माफिया ठेका हथियाने को हावी हो जाते थे, नतीजा होता था गैंगवार।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सहकारिता आंदोलन भारत के विकास की आत्मा रही है। जिन राज्यों ने इसकी मूल अवधारणा और महत्व को समझ लिया वे विकास में आगे निकल गए। जिन राज्यों में सहकारिता की उपेक्षा हुई या सहकारिता गलत लोगों के हाथ में चली गई, वे राज्य पिछड़ गए। राज्य के पिछड़ने से प्रति व्यक्ति आय पर भी नकारात्मक असर पड़ा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में शरारत के तहत सहकारिता को कमजोर किया गया। 2017 के पूर्व यूपी के 16 जिला सहकारी बैंकों के लाइसेंस रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने निरस्त कर दिए थे। इन बैंकों में पैसा जमा करने वाले छोटे किसान और छोटे व्यापारी तबाह थे। बेटी की शादी के लिए भी पैसा नहीं निकल पा रहा था। सीएम योगी ने कहा कि आज सरकार के सहयोग से कई बैंक फिर से खड़े हो गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में सहकारिता का फैलाव किया है। इसके लिए अलग से मंत्रालय गठित किया है, जिसकी कमान गृहमंत्री अमित शाह के पास है। सहकारिता के जरिये सबकी सहभागिता से विकास के नए आयाम स्थापित हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छोटी जोत के किसानों के बीच एफपीओ बनाकर और अलग-अलग कार्यों जैसे खाद्य प्रसंस्करण, भण्डारण आदि से किसानों को जोड़कर सहकारिता का मॉडल खड़ा किया जा सकता है। इन मॉडलों से बड़ी संख्या में लोग प्रेरित होंगे और रोजगार भी बढ़ेगा। सीएम योगी ने बताया कि सरकार वेयरहाउस बनाने के लिए सब्सिडी भी दे रही है। यदि किसानों को जोड़कर वेयरहाउस बनेंगे तो उनकी आय के नए स्रोत भी बनेंगे। किसान को समय पर खाद बीज उपलब्ध कराने के साथ उनकी आय बढ़ाने को सरकार प्रतिबद्ध है। किसानों की आय बढ़ेगी तो प्रदेश व देश की समृद्धि पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा।
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