फ्रांस में पैगंबर मुहम्मद का कार्टून बनाने के मामले में इतिहास के शिक्षक सैमुअल पैटी का सिर कलम करने वाले इस्लामिक कट्टरपंथी बने 6 नाबालिग मुस्लिमों को फ्रांस की एक किशोर अदालत ने दोषी करार दिया है। स्वतंत्र अभिव्यक्ति पर बहस के दौरान अपनी कक्षा में इस्लाम के पैगंबर के कार्टून दिखाने के बाद शिक्षक सैमुअल पैटी की 2020 में उनके स्कूल के बाहर हत्या कर दी गई थी। हमलावर 18 वर्षीय एक चेचन इस्लामिक कट्टरपंथी था, जिसे पुलिस ने ढेर कर दिया था।
कोर्ट ने 14-15 साल के आरोपियों को हमलावर की मदद करने का दोषी पाया और छठे 13 वर्षीय आरोपी को कक्षा में शिक्षक के द्वारा कही बात को लेकर झूठ बोलने का दोषी करार दिया गया। अदालत में गवाहों ने कहा कि उन्हें नहीं पता था कि सैमुअल पैटी की हत्या कर दी जाएगी।
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जब अदालत ने बंद दरवाजे के पीछे अपना फैसला सुनाया तो सभी दोषी चुपचाप सिर नीचे झुकाए खड़े रह गए। सजा सुनाए जाने के बाद ये बिना कुछ बोले वहां से चले गए। वहीं एक आऱोपी को रोता देखा गया। उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह ही कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई शुरू की थी। बहरहाल दोषी करार दिए जाने के बाद इन सभी दोषियों को 2.5 साल की सजा होगी।
क्या है पूरा मामला
ये मामला अक्टूबर 2020 का है, जब फ्रांस के पेरिस की स्कूल में इतिहास के शिक्षक फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन की क्लास ले रहे थे। इसी दौरान उन्होंने पैगंबर मुहम्मद का कार्टून दिखाया। इससे इस्लामिक कट्टरपंथियों ने इसे पैगंबर मुहम्मद का अपमान मान लिया। वो जब स्कूल से बाहर निकल रहे थे तो चेचेन्या के रहने वाले 18 साल के इस्लामिक कट्टरपंथी अब्दुल्लाख अंजोरोव ने 47 वर्षीय पैटी की हत्या कर दी। हालांकि, बाद में पुलिस ने उसे गोली मार दी।
गौरतलब है कि 2020 में टीचर सैमुअल पैटी की हत्या करने के बाद इस्लामिक कट्टरपंथियों ने अल्लाह हु अकबर के मजहबी नारे लगाकर खौफ का माहौल बनाने की कोशिश की थी। उस हमले के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इसे आतंकी हमला करार दिया था।
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