सेवायात्रा का उद्देश्य केवल लोगों के स्वास्थ्य की जांच करना नहीं था, बल्कि चिकित्सकों और छात्रों में समर्पण की भावना भी जगाना था। यही कारण है कि इस यात्रा में शामिल लोग न्यूनतम सुविधाओं के साथ चले।
हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी दिसंबर तक पूर्वोत्तर भारत के सातों राज्यों में धन्वंतरि सेवायात्रा आयोजित की गई। इसमें लगभग 250 चिकित्सकों और चिकित्सा की पढ़ाई करने वाले छात्रों ने भाग लिया। इनमें लगभग 150 चिकित्सक और छात्र पूर्वोत्तर भारत के और शेष अन्य राज्यों से थे।
इस सेवायात्रा के दौरान करीब 220 चिकित्सा शिविर आयोजित हुए। इनमें लोगों के स्वास्थ्य की जांच कर एलोपैथी और आयुर्वेद की दवाइयां दी गई। साथ ही लोगों को कैंसर, जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों आदि के बारे में जागरूक किया गया। करीब 40,000 लोगों को इसका लाभ मिला।
सेवा भारती, पूर्वोत्तर द्वारा आयोजित इस सेवायात्रा का उद्देश्य केवल लोगों के स्वास्थ्य की जांच करना नहीं था, बल्कि चिकित्सकों और छात्रों में समर्पण की भावना भी जगाना था। यही कारण है कि इस यात्रा में शामिल लोग न्यूनतम सुविधाओं के साथ चले। इस सेवायात्रा के लिए आयुष मंत्रालय, सेवा भारती (गुजरात) के साथ ही कुछ अन्य संगठनों ने दवाइयां दीं। सेवायात्रा का शुभारंभ 3 दिसंबर को सेवा भारती जनजाति छात्रावास अडिंगगीरी (गुवाहाटी) से हुआ।
इस अवसर पर सेवा भारती, पूर्वांचल के अध्यक्ष रामेन सरमा, राष्ट्रीय सेवा भारती के अखिल भारतीय स्वास्थ्य प्रमुख सुरेंद्र तालखेडकर, सेवा भारती, गुजरात के ट्रस्टी डॉ. संजीव ओझा, असम सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. रवि कोटा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, असम क्षेत्र के कार्यवाह राजन सिंह तथा स्वागत समिति के कार्याध्यक्ष डॉ. अशोक दास आदि उपस्थित रहे।
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