पंजाब के जालंधर में एक क्रिश्चियन मिशनरी स्कूल में गंदा पानी पीने के कारण 12 बच्चों की तबीयत बिगड़ गई। लेकिन, स्कूल प्रबंधन ने मामले को छुपाए रखा। बाद में एक निजी अस्पताल में उनका इलाज करवाने के बाद इन सभी को घर भेज दिया गया।
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रिपोर्ट्स के मुताबिक, इलाज के बाद जब बच्चे घर पहुंचे तब तक शाम हो चुकी थी। घर पहुंचने के बाद इन सभी की एक बार फिर से तबीयत खराब हो गई। ये घटना जालंधर के नकोदर इलाके में स्थित स्कूल की है। जानकारी मिली है कि इस स्कूल का संचालन ईसाई मिशनरियों द्वारा किया जाता है। बच्चों ने बताया कि स्कूल में वाटर कूलर से पानी पीया था। इसके बाद उनकी हालत बिगडऩे लगी। बच्चों ने बताया कि स्कूल के वाटर कूलर की काफी समय से सफाई नहीं हुई है। अंदर की गंदगी से उनकी हालत खराब हुई है।
इस बीच स्कूल के प्रबंधकों ने बिल्कुल चुप्पी साध ली है, लेकिन प्रशासन ने इसे गंभीरता से लिया है। डीसी विशेष सारंगल का कहना है कि इसकी जांच करवाई जाएगी और जो दोषी पाया गया उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। एसपी मनप्रीत के मुताबिक बच्चों की सेहत ठीक है और उनका इलाज चल रहा है। वह आधिकारिक रूप से मंगलवार को इसके बारे में जानकारी दे पाएंगे।
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इस घटना के लोगों का कहना है कि ईसाई स्कूल बहुत ही बेहतर सुविधाओं के बड़े-बड़े दावे करते हैं, लेकिन इसकी यही सच्चाई है। अंदर का हाल बिल्कुल बुरा है। पढ़ाई के नाम पर केवल लोगों से मोटी रकम फीस के रूप में वसूला जा रहा है। इसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
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