उदयपुर। देश भर से उदयपुर में आए संत समाज ने मेवाड़ की धरा से श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन का ऐलान किया है। संत समाज ने राष्ट्रीय महाकाल सेवा के नेतृत्व में इस आंदोलन को विराट रूप देने का निर्णय किया है। यह ऐलान उदयपुर में चल रहे सर्व समाज सनातनी चातुर्मास के विसर्जन के उपरांत राष्ट्रीय महाकाल सेना के संस्थापक दिगंबर खुशाल भारतीय महाराज व राष्ट्रीय महाकाल सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक गिरि महाराज ने मंगलवार को किया।
पंचायती निरंजनी अखाड़ा मढ़ी मनमुकुंद के दिगंबर खुशाल भारती महाराज के सान्निध्य में यहां बलीचा स्थित राजराजेश्वर बड़बड़ेश्वर महादेव मंदिर परिसर में सनातनी चातुर्मास चल रहा था। चातुर्मास का विसर्जन कार्तिक पूर्णिमा पर सोमवार को हुआ। चातुर्मास विसर्जन पर देशभर से संत, साधु, महात्मा उदयपुर पहुंचे थे। विदाई के उपरांत संत समाज की बैठक हुई और मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि को मुक्त करने को लेकर एक स्वर में सभी ने आंदोलन की आवश्यकता पर बल दिया। इसके उपरांत सभी ने राष्ट्रीय महाकाल सेना को इस आंदोलन का नेतृत्व करने का प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव के बाद मंगलवार को सुबह आंदोलन के ऐलान के साथ ही राष्ट्रीय महाकाल सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक गिरि महाराज के सिर पर भगवा साफा बांधकर आंदोलन की अगुवाई करने का जिम्मा सौंपा गया।
दिगंबर खुशाल भारती महाराज ने बताया कि 10 साल से राष्ट्रीय महाकाल सेना सनातन धर्म के प्रति जागरूकता को लेकर समाज में कार्यरत है। अयोध्या में श्री राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त होने के बाद अब सभी के मन में मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि को भी मुक्त करने की आवश्यकता महसूस हो रही है। इसके लिए राष्ट्रीय महाकाल सेना सम्पूर्ण सन्त समाज के।सहयोग से जन-जन में जागरूकता के साथ राजनीतिक क्षेत्र में भी जहां जरूरत होगी वहां जागरूकता के प्रयास करेगी, साथ ही भविष्य में न्यायालय में आवश्यकता होने पर वहां भी अपना पक्ष प्रस्तुत करेगी।
दिगंबर खुशाल भारती महाराज ने कहा कि उदयपुर में सनातनी चातुर्मास के विसर्जन के बाद वे मेवाड़ नाथ भगवान एकलिंगजी के दर्शन करने जाएंगे और वहीं से वे मथुरा की ओर प्रस्थान करेंगे। मार्ग में वे विभिन्न संत-महंतों, स्थानधारियों के दर्शन करते हुए उनसे श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन पर चर्चा करते हुए मथुरा पहुंचेंगे।
एकलिंगजी के लिए गाजे-बाजे से रवाना हुई खुशाल भारती की सवारी
सर्व समाज सनातनी चातुर्मास के मीडिया संयोजक मनोज जोशी ने बताया कि मंगलवार को दिगम्बर खुशाल भारती महाराज को भक्तों ने गाजे-बाजे के साथ एकलिंगजी के लिए विदाई दी। उनके साथ बड़ी संख्या में भक्त जन भी चारपहिया वाहनों के साथ विदाई देने एकलिंगजी तक गए। मार्ग में गोवर्द्धन विलास चौराहा, एकलिंगगढ़ छावनी, पारस तिराहा सहित विभिन्न स्थानों पर भक्तों ने काफिले का स्वागत आतिशबाजी, पुष्पवर्षा से किया।
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