राज्य सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। इसलिए प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई शुरू कर दी। खाद्य सुरक्षा विभाग ने भी पूरे प्रदेश में छापेमारी के आदेश दिए हैं।
लखनऊ के निवासी शैलेंद्र शर्मा लंबे समय से एलोवेरा जूस सहित कुछ आयुर्वेदिक उत्पाद खरीद रहे थे। लेकिन कुछ दिन पहले आयुर्वेदिक उत्पादों, मंजन, टूथपेस्ट, तेल, सौंदर्य प्रसाधन सहित विभिन्न खाद्य पदार्थों के पैकेट पर हलाल प्रमाणन देखकर चौंक गए। इस आर्थिक जिहाद को भांपने के बाद 17 नंवबर शाम को उन्होंने हजरतगंज थाने में इसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। राज्य सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। इसलिए प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई शुरू कर दी। खाद्य सुरक्षा विभाग ने भी पूरे प्रदेश में छापेमारी के आदेश दिए हैं।
शिकायतकर्ता शैलेंद्र शर्मा कहते हैं, ‘‘इस तरह से हलाल प्रमाणपत्र देने वाले लोग एक प्रकार का आर्थिक जिहाद कर रहे हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि हलाल के नाम पर होने वाली आय को समाज और देश विरोधी कार्यों में लगाया जा रहा है। यह सरासर जन आस्था के साथ खिलवाड़ है। बिना किसी अधिकार के कुछ संस्थाएं/कंपनियां हलाल प्रमाणपत्र जारी कर अनुचित तरीके से मुनाफा कमा रही हैं। ये संस्थाएं मुसलमानों को प्रभावित करने के लिए कूटरचित प्रपत्रों का प्रयोग कर प्रचार-प्रसार कर रही हैं और तय मानकों का पालन तक नहीं कर रही हैं। हलाल प्रमाणपत्र जारी कर उन कंपनियों के उत्पाद की बिक्री गिराने का षड्यंत्र रचा जा रहा है, जिन्होंने इनसे हलाल प्रमाणपत्र नहीं लिया है। यहां तक कि शाकाहारी उत्पादों, सौंदर्य प्रसाधन, तेल, साबुन, टूथपेस्ट, शहद जैसे उत्पादों के लिए भी हलाल प्रमाणपत्र दिए जा रहे हैं। साथ ही, मुस्लिम समुदाय को यह संदेश भी दिया जा रहा है कि जिन कंपनियों के पास हलाल प्रमाणपत्र नहीं है, उनके उत्पाद का प्रयोग न करें। यह षड्यंत्र समाज को कमजोर करने के लिए रचा जा रहा है।’’
अभी तक लोगों ने हलाल मांस के बारे में ही सुना था। मांस निर्यात के लिए एक कमेटी बनी हुई थी, जो उसे प्रमाणित करती थी। इसके बाद मांस विदेशों में जाता था। लेकिन हर चीज के लिए हलाल प्रमाणपत्र जारी करके एक प्रकार का जिहाद शुरू किया गया है। वही उत्पाद खरीदा जाएगा, जो हलाल प्रमाणित होगा। अगर हलाल प्रमाणित नहीं होगा, तो मुस्लिम समुदाय उसे नहीं खरीदेगा। यह तुरंत बंद होना चाहिए। सरकार इसके खिलाफ सख्त कदम उठा रही है।
लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट की डीसीपी (सेंट्रल) अपर्णा रजत कौशिक ने बताया कि एफआईआर दर्ज होने के बाद मामले की जांच की जा रही है। हलाल प्रमाणपत्र जारी करने वाली संस्थाओं के मालिक आदि का पता लगाया जा रहा है। ठोस सबूत मिलने के बाद विस्तृत जानकारी दी जाएगी। उधर, खाद्य सुरक्षा विभाग के आदेश पर सभी जनपदों में कार्रवाई की जा रही है। इसी कड़ी में प्रयागराज में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग को सिविल लाइन्स इलाके से ‘हलाल प्रमाणित’ 15 पैकेट मिले। प्रयागराज की सहायक आयुक्त (खाद्य सुरक्षा) ममता चौधरी ने बताया, ‘बरामद पैकेट में से 6 पैकेट बर्गर बनाने वाली कंपनी फनवेब के हैं, जबकि 9 पैकेट मोमोज बनाने वाली कंपनी पिरामिड के हैं। इस मामले में कानूनी कार्रवाई की जा रही है। सरकार के निर्देशानुसार प्राथमिकी भी दर्ज कराई जाएगी। राज्य सरकार का सख्त आदेश है कि कहीं भी किसी को हलाल प्रमाणित वस्तुएं बेचने नहीं दिया जाए। इसलिए सभी जिलों में जांच अभियान चलाया जा रहा है।
भाजपा नेता संगीत सोम के अनुसार, हलाल प्रमाणपत्र देने वाले भी मुसलमान, हलाल उत्पाद बनाने वाले, उसकी पैकिंग करने वाले, हलाल उत्पाद खरीदने ओर बेचने वाले भी मुसलमान हैं। यह एक प्रकार का जिहाद और आतंकवाद है। गहनता से इसकी जांच होनी चाहिए कि इसके पीछे मूल उद्देश्य क्या है? यह किसी भी कीमत पर बंद होना चाहिए।
अभी तक लोगों ने हलाल मांस के बारे में ही सुना था। मांस निर्यात के लिए एक कमेटी बनी हुई थी, जो उसे प्रमाणित करती थी। इसके बाद मांस विदेशों में जाता था। लेकिन हर चीज के लिए हलाल प्रमाणपत्र जारी करके एक प्रकार का जिहाद शुरू किया गया है। वही उत्पाद खरीदा जाएगा, जो हलाल प्रमाणित होगा। अगर हलाल प्रमाणित नहीं होगा, तो मुस्लिम समुदाय उसे नहीं खरीदेगा। यह तुरंत बंद होना चाहिए। सरकार इसके खिलाफ सख्त कदम उठा रही है।
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