हमारे शास्त्रों में आंवले को लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है। आयुर्वेद के अनुसार आंवला सबसे बड़ा रसायन है। इससे आदमी की अकाल मृत्यु नहीं होती। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
आंवला नवमी पर चित्तौड़गढ़ में आंवले के वृक्ष का पूजन किया गया। इसके साथ ही आंवला वृक्ष का रोपण भी हुआ। इस कार्यक्रम का आयोजन ‘पर्यावरण गतिविधि’ की प्रेरणा से एकल अभियान ने किया था।
एकल अभियान की मातृशक्ति संयोजक ज्योति तिवारी ने बताया कि आंवला नवमी मेवाड़ में महिलाओं द्वारा धूमधाम से मनाई जाती है। इसी को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पर्यावरण गतिविधि के प्रांत सहसंयोजक धर्मपाल गोयल, नगर संयोजक सतीश सोनी एकल अभियान के जिला सचिव बसंत गोयल, हिंदू जागरण मंच के विभाग संयोजक राजकुमार कुमावत, विश्व हिंदू परिषद के गोपाल कृष्ण दाधीच आदि के सान्निध्य में आंवले के 11 पौधों का विधिवत पूजन कर महिलाओं को वितरित किया गया।
धर्मपाल गोयल ने कहा कि हमारे शास्त्रों में आंवले को लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है। आयुर्वेद के अनुसार आंवला सबसे बड़ा रसायन है। इससे आदमी की अकाल मृत्यु नहीं होती। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
टिप्पणियाँ