केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने कोरोना संकट काल में स्ट्रीट वेंडर्स को राहत देने के लिए एक शानदार योजना की शुरुआत की थी, जिसका नाम प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) स्कीम है। इस योजना का उद्देश्य कोरोना महामारी में प्रभावित हो चुके स्ट्रीट वेंडरों के व्यवसाय को शुरू कराना था। इसमें सरकार बिना किसी गारंटी के लोन देती है। आइए जानते हैं कि इस योजना की क्या खासियत है।
50 हजार रुपये का लोन
प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि ने तहत स्ट्रीट वेंडरों को एक साल के लिए बिना किसी गारंटी के 10 हजार रुपये तक का लोन मिलता है। समय पर उसे भरने पर दूसरी बार 20 हजार और तीसरी बार 50 हजार रुपये का लोन सरकार देती है। इसके साथ ही हर साल 7 प्रतिशत की दर से ब्याज सब्सिडी भी मिलती है। यह राशि 400 रुपये तक होगी। इसके अलावा सालाना ग्राहक को 1200 रुपये तक कैशबैक भी मिलेगा। यहां बताते चलें कि डिजिटल लेन-देन पर एक रुपये से 100 रुपये हर माह कैशबैक मिलता है। इस प्रकार से एक साल में 1200 रुपये का कैशबैक मिलेगा।
राज्यों को मिली है जिम्मेदारी
प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना का लाभ पहुंचाने के लिए पात्र स्ट्रीट वेंडरों की पहचान और नए आवेदन लेने के लिए राज्य/यूएलबी को जिम्मेदार दी गई है। बताया जा रहा है कि अधिक से अधिक लोगों तक इसका लाभ पहुंचाने के लिए मंत्रालय कई पहल कर रहा है, जिनमें राज्यों/केंद्र-शासित प्रदेशों/यूएलबी/ऋण प्रदाता संस्थानों के साथ समीक्षा बैठकें करना, रेडियो जिंगल और विज्ञापन के जरिए जागरुकता अभियान चलाना शामिल हैं। इस योजना से संबंधित जानकारी प्राप्त करने और लाभ उठाने के लिए https://pmsvanidhi.mohua.gov.in लिंक पर विजिट कर सकते हैं।
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