केसरी चंद
जन्म : 1 नवंबर, 1920, जौनसार (उत्तराखंड)
बलिदान : 3 मई, 1945
जौनसारी जनजाति के युवक केसरी चंद द्वितीय विश्वयुद्ध के समय भारतीय सेना में थे। उन दिनों वे मलाया में तैनात थे।
वहीं युद्ध के दौरान उन्हें जापानी सेना ने बंदी बना लिया। कैद से छूटने के बाद नेताजी के आह्वान पर वे ‘आजाद हिंद फौज’ में शामिल हो गए।
कई वर्ष तक उन्होंने ‘आजाद हिंद फौज’ में रहकर देश की सेवा की। उन्होंने सदैव देश को प्राथमिकता दी। इस कारण जब भी युद्ध हुआ उसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
उनका कहना था कि देशभक्ति से बड़ी और कोई चीज नहीं है। इंफाल में हुए एक युद्ध के दौरान अंग्रेजी सेना ने उन्हें बंदी बना लिया। केवल 24 वर्ष की आयु में 3 मई, 1945 को उन्हें फांसी दे दी गई।
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