रानी मां गाइदिन्ल्यू
जन्म : 26 जनवरी, 1915
निधन : 17 फरवरी, 1993
नागालैंड में अंग्रेजों के विरुद्ध आवाज उठाने वाली रानी मां गाइदिन्ल्यू को पूर्वोत्तर की लक्ष्मीबाई कहा जाता है।
उन्होंने लोगों को स्वतंत्रता पाने के लिए जगाया और उनका नेतृत्व भी किया। वे अध्यात्म में भी रुचि रखती थीं।
मात्र 16 वर्ष की आयु में उन्होंने नागाओं की सेना बनाई और छामामार युद्ध के जरिए अंगे्रजों की नाक में दम कर दिया।
17 मई, 1932 को उन्हें पकड़कर जेल में डाल दिया गया। 14 वर्ष बाद वे 1946 में जेल से मुक्त हुई, और नागा संस्कृति के लिए कार्य करना शुरू किया।
संस्कृति समर्पित उनके जीवन पर अनेक पुस्तकें लिखी गई हैं। इसके लिए उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया गया। 17 फरवरी, 1993 को उनका देहांत हो गया।
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