उत्तर प्रदेश की अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से आए दिन देश विरोधी स्वर मुखर होते ही रहते हैं। लेकिन अब ऐसा खुलासा हुआ है कि है कि देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा पैदा हो गया है। देश में आतंकी संगठन आईएसआईएस के स्लीपर सेल्स को लेकर खुलासा हुआ हेै कि एएमयू के पूर्व छात्र भी इसमें शामिल हैं। मामले में यूपी एटीएस और एसटीएफ की टीम इनकी तलाश कर रही है।
यहीं नहीं यूपी एसटीएफ दिल्ली के बाटला हाउस और प्रयागराज के भी दो संदिग्धों की तलाश कर रही है। इस मामले में एटीएस को एएमयू को अब्दुल समद मलिक और फैजान बख्तियार की तलाश है। जांच एजेंसी ने दावा किया है कि आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट भारत में हिंसा के लिए युवकों को फंसा रहा है।
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दरअसल, उत्तर प्रदेश में आईएसआईएस के टेरर मॉड्यूल के सक्रिय होने का खुलासा इसी साल जून में महाराष्ट्र पुलिस ने किया था। इस मामले में शाहनवाज औऱ रिजवान को गिफ्तार किया था, जिन्होंने पूछताछ के दौरान कई खुलासे किए थे। बाद में यूपी एटीएस ने कड़ियों को आपस में जोड़ते हुए 10 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। अब तक 6 आऱोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि चार अन्य की तलाश की जा रही है।
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आतंकियों के निशाने पर हिन्दूवादी नेता
इस बीच एटीएस ने अलीगढ़ से अब्दुल्ला अर्सलान औऱ माज बिन तारिक को हाल ही में गिरफ्तार किया था। पूछताछ के दौरान इन दोनों आतंकियों ने चौंकाने वाले खुलासे किए। आतंकियों ने खुलासा किया कि आईएसआईएस के निशाने पर यति नरसिंहानंद सरस्वती समेत कई हिन्दूवादी नेता थे। आतंकी हिन्दू नेताओं की हत्या करके ब्लास्ट करने की फिराक में थे। आतंकी अब्दुल्ला अर्सलान ने खुलासा किया है कि वो यति नरसिंहानंद सरस्वती की हत्या करने की प्लानिंग में लगा हुआ था। उसने वजीउद्दीन के साथ मिलकर हिन्दू संत के शिव भक्ति धाम की रेकी भी की थी। वजीउद्दीन को छत्तीसगढ़ के दुर्ग से गिरफ्तार किया गया था।
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