आतंकी गतिविधियों में लगाम लगाने के लिए जम्मू कश्मीर की राज्य जांच एजेंसी (SIA) की छापेमारी लगातार जारी है। इसी क्रम में शुक्रवार (10 नवंबर) को एसआईए ने अनंतनाग के बिजबहारा जबालीपुरा और कश्मीर के अन्य जिलों में कई स्थानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की। जांच एजेंसी आतंकी फंडिंग पर लगाम लगाने के लिए ये कार्रवाई कर रही है।
एजेंसी ने कहा है कि यह मामला आरोपी लोगों द्वारा अपराध की आय को अवैध रूप से जुटाने, जमा करने और वैध बनाने से संबंधित है। जांच एजेंसी का कहना है कि गलत तरीके से अर्जित की गई इस आय को बाद में ये लोग राज्य में अलगाववाद और आतंकवाद सहित गैरकानूनी गतिविधियों को बढ़ावा देने में करते थे।
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टेरर फंडिंग के मामले में दो दिन पहले बुधवार को भी एसआईए ने जम्मू कश्मीर के कई जिलों में ताबड़तोड़ छापेमारी की थी। उल्लेखनीय है कि अगस्त 2021 में ही एसआईए ने आतंकी फंडिंग के मामले का खुलासा किया था। इस मामले में जम्मू कश्मीर की स्पेशल एसआईए कोर्ट में एजेंसी ने दो आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र भी दायर किया था। एसआईए ने इस बात का खुलासा किया था कि दक्षिण कश्मीर में टेरर फंडिंग की जड़ें काफी गहरी हैं औऱ इसे खाड़ी में रहने वाले कुछ लोग बढ़ावा दे रहे हैं।
आईपीएस अधिकारी भी टेरर फंडिंग में फंसा
एसआईए ने बुधवार को जम्मू कश्मीर में टेरर फंडिंग के मामले में छापेमारी की थी। जम्मू कश्मीर पुलिस एक एसपी परवेज अहमद डार के घर की भी तलाशी ली गई थी। डार कश्मीर घाटी में आतंकरोधी अभियानों में उल्लेखनीय भूमिका निभाने वाले पुलिसकर्मियों में शुमार रहे हैं। हालांकि, डार के घर पर छापेमारी को लेकर एसआईए की ओर से को बयान नहीं जारी किया गया। पुलिस अधिकारी के अलावा बुधवार को ही एसआईए की टीम ने कश्मीर बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान नजीर अहमद रोंगा के पुत्र उजैर रोंगा के घर की भी तलाशी ली थी। एसआईए ने दावा खुलासा किया था कि दो वर्षों के दौरान राज्य में 85 करोड़ रुपए का लेन देन हुआ था, जो कि कैश में हुआ है।
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