संसद में सवाल के बदले पैसे के मामले में तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा बुरी तरह फंस चुकी हैं। सांसद निशिकांत दुबे ने बताया है कि महुआ के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिए गए हैं। वहीं अब एथिक्स कमेटी में महुआ के खिलाफ प्रस्ताव पारित हुआ है। महुआ मोइत्रा के खिलाफ प्रस्ताव पर पक्ष में 6 और विपक्ष में 4 वोट पड़े। कांग्रेस सांसद परनीत कौर ने प्रस्ताव के पक्ष में वोट दिया। बताया जा रहा है कि एथिक्स कमेटी ने महुआ मोइत्रा को सांसद से निष्कासित करने की सिफारिश अपनी रिपोर्ट में की है।
इससे पहले एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष ने भी यह आरोप लगाया था कि महुआ ने उनके खिलाफ असंसदीय शब्दों का प्रयोग किया है। TMC सांसद महुआ मोइत्रा पर लगे ‘कैश फॉर क्वेरी’ के आरोप पर एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष विनोद सोनकर ने कहा, “कमेटी ने सभी गंभीर आरोपों की विस्तृत जांच की है और रिपोर्ट तैयार की है। शाम 4 बजे बैठक बुलाई गई है, जिसमें रिपोर्ट पर चर्चा होगी और इसे अपनाने की प्रक्रिया का पालन होगा। संविधान और कानून से ऊपर कोई नहीं है…”
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विनोद सोनकर ने कहा, “महुआ मोइत्रा पर आरोप को लेकर कमेटी ने रिपोर्ट तैयार की है। आज बैठक में रिपोर्ट पर चर्चा हुई और इसे अपनाने की प्रक्रिया शुरू हुई। कल एक विस्तृत रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष को सौंप दी जाएगी।”
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समिति ने निष्कासन की सिफारिश की
सूत्रों के अनुसार रिपोर्ट में कहा गया है कि महुआ मोइत्रा ने 2019-2023 के बीच चार बार दुबई गईं। उनका लोकसभा लॉगइन कई बार एक्सेस किया गया। 47 बार उनका लॉगइन क्रेंडिशयल दुबई में एक्सेस किया गया। एथिक्स कमेटी ने सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और गृह मंत्रालय (एमएचए) से आईपी एड्रेस की रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट में कई निष्कर्ष सुझाए गए हैं, जिसमें यह भी कहा गया है कि महुआ मोइत्रा को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। समिति सिफारिश करती है कि सांसद महुआ मोइत्रा को सत्रहवीं लोकसभा की सदस्यता से निष्कासित किया जा सकता है।
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