देहरादून। राज्य के 120 महाविद्यालयों में 113 में छात्रसंघ चुनाव सम्पन्न हो गए। 56 महाविद्यालयों में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) को अध्यक्ष पद पर विजय मिली है, जबकि 19 में निर्दलीय प्रत्याशी अध्यक्ष बने हैं।
कुमायूं के सबसे बड़े महाविद्यालय एमबीपीजी कॉलेज हल्द्वानी में एबीवीपी ने अरसे बाद जीत हासिल कर ली है। मात्र 17 वोटों से एबीवीपी के सूरज रमोला को जीत मिली। उन्होंने कांग्रेस समर्थित निर्दलीय संजय जोशी को हराया। रामनगर में एनएसयूआई ने और नैनीताल डीएसबी कॉलेज में एबीवीपी ने बाजी मारी है। हल्द्वानी के महिला डिग्री कॉलेज और हल्दुचौड़ के लाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय में एबीवीपी की जीत हुई है।
कुमायूं के छह जिलों के 56 महाविद्यालयों में 26 में एबीवीपी ने जीत हासिल की, जबकि एनएसयूआई ने 14 में और 8 में निर्दलीय अध्यक्ष बने हैं। जहां निर्दलीय और एनएसयूआई के प्रत्याशी जीते हैं, उनके साथ महामंत्री और अन्य पदों पर एबीवीपी के प्रत्याशियों की जीत का दबदबा रहा है। उत्तराखंड में छात्र संघों के 327 पदों पर जिनमें 56 अध्यक्ष पद भी शामिल है ,एबीवीपी ने कब्जा किया है ,जबकि 218 पदों में से 32 अध्यक्ष पदों पर एनएसयूआई ने जीत हासिल की है।
देहरादून में सबसे बड़े महाविद्यालय डीएवी कॉलेज में आर्यन छात्र संगठन के सिद्धार्थ अग्रवाल ने एबीवीपी के यशवंत परमार को हराया, एबीवीपी को अध्यक्ष सीट पर हार का सदमा जरूर लगा है लेकिन महासचिव और अन्य पदों पर उसको विजय मिली है।
सीएम धामी ने जीत की बधाई दी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने महाविद्यालय छात्रसंघ चुनावों में विजयश्री हासिल करने वाले प्रत्याशियों को बधाई देते हुए कहा कि आप अपनी जीत को एक बड़ी जिम्मेदारी समझते हुए, छात्र हितों में अपनी ऊर्जा लगाएंगे। उत्तराखंड सरकार आपके साथ काम करते हुए शैक्षिक सुधार करेंगी।
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उत्तराखंड में 12 महाविद्यालयों के पास भवन नहीं
उत्तराखंड में पिछले कुछ सालो में खुले 12 नए डिग्री कॉलेजों के पास अपने भवन नहीं हैं। ये महाविद्यालय किराए के भवनों में चल रहे हैं, कांग्रेस शासन काल में राजनीतिक कारणों से खोले गए इन महाविद्यालयों में छात्र संख्या और विषय भी कम है। इसके बावजूद उच्च शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत ने कहा है कि 2025 तक सभी महाविद्यालयों के अपने भवन हो जायेंगे और यहां शिक्षा विषयों का भी विस्तार किया जाएगा।
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