नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर केंद्र सरकार के प्रतिबंध लगाने के आदेश के खिलाफ पीएफआई की याचिका पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने पीएफआई को हाई कोर्ट जाने को कहा।
पीएफआई को केंद्र सरकार ने गैरकानूनी संगठन अधिनियम की धारा 3(1) में दिए गए अधिकार का इस्तेमाल करते हुए प्रतिबंधित किया है। दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस दिनेश शर्मा की अध्यक्षता वाली यूएपीए ट्रिब्युनल ने 21 मार्च को पीएफआई और उससे जुड़े दूसरे संगठनों पर प्रतिबंध लगाने के केंद्र सरकार के फैसले पर मुहर लगाई थी। पीएफआई ने इसी फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
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केंद्र सरकार ने 28 सितंबर, 2022 को पीएफआई और उसके सहयोगी संगठनों रिहैब इंडिया फाउंडेशन (आरआईएफ), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई), ऑल इंडिया इमाम्स काउंसिल (एआईसीसी), नेशनल कंफेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स आर्गनाइजेशन (एनसीएचआरओ) नेशनल वुमंस फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन, केरल को पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया था। केंद्र सरकार ने यूएपीए की धारा 3(1) के अधिकारों के तहत ये प्रतिबंध लगाया था।
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