नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ने पर चिंता जताई है। जस्टिस जसमीत सिंह की बेंच ने पेड़ों की कटाई पर वन विभाग को फटकार लगाई। हाई कोर्ट ने कहा कि क्या आप चाहते हैं कि लोग गैस चैंबरों में रहें। हाई कोर्ट ने एक्यूआई के बढ़ते स्तर पर वन विभाग को फटकार लगाई। हाई कोर्ट ने पेड़ों की कटाई की अनुमति देने के लिए दिल्ली सरकार के वन विभाग को फटकार लगाई। हाई कोर्ट ने कहा कि दिल्ली के नागरिक आज वायु प्रदूषण के कारण जिस परेशानी में हैं, उसके लिए आप जिम्मेदार हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि वन अधिकारियों में संवेदनशीलता की कमी है।
इससे पहले 14 सितंबर को दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली में घर बनाने के लिए पेड़ों को गिराने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। दरअसल हाई कोर्ट एक अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें कहा गया है कि अप्रैल में कोर्ट की ओर से पेड़ों को गिराने के पहले ट्री अफसरों को उचित वजह बताने के आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है। याचिका में कहा गया है कि कोर्ट के आदेश के बावजूद अधिकारी पेड़ों को गिराने का धड़ाधड़ आदेश दे रहे हैं।
कोर्ट ने अधिकारियों की ओर से पेड़ों को गिराने की अनुमति पर गौर करते हुए कहा था कि अनुमति देने से पहले बुद्धि का इस्तेमाल नहीं किया गया। कुछ अनुमतियों में तो लोगों को अपने वाहनों के पार्किंग के लिए पेड़ों को काटने की अनुमति दी गई। नवंबर 2022 में जस्टिस नाजमी वजीरी ने दिल्ली सरकार के मुख्य वन संरक्षक को निर्देश दिया था कि पेड़ों को गिराने की अनुमति से संबंधित आदेश 48 घंटे के अंदर आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड किए जाएं।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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